बड़वानी /यदि आप बड़ी से बड़ी उपलब्धियां प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। शास्त्रों में और कहावतों मे ंहम पढ़ते सुनते हैं कि पहला सुख निरोगी काया, जैसा खायेंगे अन्न, वैसा बनेगा मन, स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क निवास करता है। भारत में श्री अन्न महोत्सव मनाया जा रहा है, इसके संदेष को ग्रहण करके हम अपने खान-पान को अधिक स्वास्थ्यवर्धक बना सकते हैं। यह महोत्सव हमें अपनी भोजन शैली में सुधार का अवसर दे रहा है। हमने मोटे अनाजों को अपनी खाद्य सूची से बाहर कर दिया है, जबकि वे अपेक्षाकृत सस्ते और अधिक पौष्टिक हैं। ये बातें भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा श्री अन्न महोत्सव 2023 के अंतर्गत आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत युवा वक्ता श्री अंकित काग ने कहीं। यह आयोजन प्राचार्य डाॅ. एनएल गुप्ता के मार्गदर्शन में किया गया। श्री काग ने युवाओं को बताया कि मोटे अनाज के उत्पादन एवं उपभोग में वृद्धि की जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इनके महत्व को ध्यान में रखते हुए इंटरनेशनल इयर आॅफ मिलेट्स घोषित किया है। मोटे अनाज या मिलेट्स के अंतर्गत बाजरा, जौ, रागी, मक्का, ज्वार आदि आते हैं। संचालन वर्षा मालवीया ने किया। आभार वर्षा मुजाल्दे ने व्यक्त किया। आयोजन में सहयोग प्रीति गुलवानिया, स्वाति यादव, कन्हैया फूलमाली, सुरेष कनेष, उमेश किराड़, सुभाष चैहान, दिलीप रावत, वर्षा मालवीया, नमन मालवीया एवं डाॅ. मधुसूदन चैबे ने सहयोग दिया।