वैज्ञानिक और पोषण विशेषज्ञों द्वारा "श्री अन्न" पर की जायेगी चर्चा
गुना l उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा किसान भाईयों को सूचित किया गया है, कि अंर्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 18 मार्च 2023 को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शनी व क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूषा कैम्पस नई दिल्ली में किया जा रहा है। जिसमें वैज्ञानिकों और पौषण विशेषज्ञों द्वारा ''श्री अन्न'' पर परिचर्चा की जावेगी। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी उपस्थित रहेंगे। उक्त वैश्विक आयोजन से सीधे जुड़ने के लिये लिंक कृषि विज्ञान केन्द्र आरोन एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालयों में उपलब्ध रहेगी। जिसमें सभी कृषकगण लाभांवित हो सकते हैं।
मोटा अनाज (बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कुटकी, सांवा, कोदो, चीना) के स्वास्थ्य लाभ -बाजरा में प्रोटीन, फाईबर, कार्बोहाईड्रेट, आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। पाचन तंत्र को मजबूत एवं खुन की कमी को दूर करता है। ज्वार में फाईबर, मिनरल, प्रोटीन, विटामिन, बी-कॉम्पलेक्स, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन पाया जाता है। मधुमेह एवं वजन नियंत्रण करता है। रागी में फाईबर, कैल्शियम एवं प्रोटीन भरपूर होती है। सूपर फूड माना गया है। वजन कम करता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। एनिमिया, मधुमेह रोगो में फायदेमंद है। कंगनी में मैग्नीशियम, फाईबर, आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम, विटामिन मौजूद होता है। बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिये फायदेमंद है। कुटकी पोषक तत्वों से भरपूर है। पित्त, कफ, बुखार, टॉयफॉयड, टीबी, मधुमेह रोगो में लाभ दायक है। सांवा में कैल्शियम, आयरन एवं फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। हृदय रोगो में लाभदायक है। कोदो में प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट पाया जाता है। मधुमेह रोग नियंत्रण में उपयोगी है। चीना फैट और कोलेस्ट्रोल फ्री होता है। प्रोटीन,फाईबर, विटामिन डी, आयरन, जिंक पाया जाता है।
मोटा अनाज (बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कुटकी, सांवा, कोदो, चीना) की खेती के लाभ -सूखा सहन करने की क्षमता। फसल पकने की कम अवधि। उर्वरकों, खादों की न्यूनतम मांग के कारण कम लागत। कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता। रोग-प्रतिरोधक क्षमता। कम पानी और बंजर भूमि तथा विपरित मौसम में यह अनाज उगाये जा सकते है।