हरदा / प्रदेश में भारत सरकार की योजना ‘कृषि अधोसंरचना निधि’ की विशेषताओं तथा एमपी फार्मगेट एप के प्रचार-प्रसार करने तथा किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों व विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इन योजनाओं की जानकारी देने के लिये गुरूवार को मंडी बोर्ड भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में माहेश्वरी मांगलिक भवन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।  कार्यशाला में कलेक्टर श्री सिंह ने कृषि अधोसंरचना निधि योजना की प्रशंसा करते हुए इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठाने के लिये किसानों से अपील की। उन्होने बताया कि देश में कृषि अधोसंरचना सुधार के  लिए वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कृषि अधोसंरचना निधि योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना के तहत भारत सरकार द्वारा 1 लाख करोड़ रूपये का कोष सृजित किया गया है। इस योजना में किसानों व कृषि उद्यमियों को 2 करोड़ रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। उन्होने कहा कि जिले में कुल 61 हितग्राहियों के वेयरहाउस इसी योजना के तहत बने हुए है। कलेक्टर श्री सिंह ने उपस्थित किसानों से अपील की कि वे आज ही कृषि अधोसंरचना निधि योजना के लिये आवेदन कर दें और योजना का लाभ उठाएं। कार्यशाला में कलेक्टर श्री सिंह ने उपस्थित किसानों से कहा कि वे खेती के साथ-साथ खेती से जुड़े फूड प्रोसेसिंग उद्योग इस योजना के तहत प्रारम्भ कर सकते है, जिसमें खेती से अधिक लाभ किसानों को होता है। उन्होने कहा कि मिर्ची की फसल से उतना लाभ नहीं होगा, जितना मिर्ची का पावडर तैयार करके बेचने में होगा।इससे पूर्व उप संचालक कृषि श्री संजय यादव ने उपस्थित समस्त अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान उप संचालक कृषि श्री संजय यादव, मंडी सचिव हरदा श्री एम. एस. चौहान, सहायक उपनिरीक्षक श्री आदित्य राज सिंह चौहान, सहायक उप निरीक्षक श्री राहुल कुमार देवहारे सहित कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, नाबाड बैंक व मंडी समितियों के सचिव एवं कर्मचारी तथा मीडिया प्रतिनिधि व  किसान एवं व्यापारी प्रतिनिधि उपस्थित थे।कार्यशाला के द्वितीय चरण में श्री गोविंद प्रसाद शर्मा, कृषि नोडल कृषि अधोसंरचना निधि योजना ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि योजना के तहत वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चेंबर, प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट, दाल मिल, फ्लोर मिल, आटा मिल, कस्टम हायरिंग सेंटर, मसाला उद्योग, बांस प्रोसेसिंग उद्योग इत्यादि के लिये ऋण लिया जा सकता हैं। इस दौरान कृषि अधोसंरचना निधि योजना पोर्टल का तकनीकी प्रशिक्षण भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया। कार्यशाला में बताया गया कि कृषि अधोसंरचना निधि योजना के तहत अभी तक जिले में 127 आवेदनों में 78 करोड़ रूपये की राशि बैंको द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है।कार्यशाला में चीफ प्रोग्रामर मंडी बोर्ड भोपाल श्री संदीप चौबे ने एमपी फार्मगेट ऐप विषय पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होने इस दौरान अपने घर खलिहान से अपनी कृषि उपज को अपने मनपसंद दाम पर विक्रय करने की सुविधा, कृषि विक्रय में होने वाले खर्चों में कटौती, मंडी में होने वाली भीड़ से बचत आदि सुविधाओं के संबंध में एमपी फार्मगेट ऐप की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। 

 

उन्होने उपस्थित किसानों को एमपी फार्मगेट ऐप को एंड्राइड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड करने तथा ऐप का इस्तेमाल करने के संबंध में भी जानकारी दी। कार्यशाला में जिले की मंडियों से आए हुए व्यापारियों तथा कृषकों ने अपनी जिज्ञासा अनुरूप प्रश्न पूछे, जिसका समाधान कारक उत्तर उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।