भोपाल l केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को राजनीति का चाणक्य माना जाता हैl उनका भोपाल आगमन इस बात का संकेत दे रहा है कि मध्य प्रदेश में सब कुछ ठीक ना होने के बावजूद भी यहाँ हर हाल में भाजपा की सरकार बनानी है l वही विधानसभा चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी अब मध्यप्रदेश में सक्रिय होंगे और उन्हें जो टिप्स दिए गए हैं उनके आधार पर वह मध्य प्रदेश में सत्ता और संगठन के साथ मिलकर काम करेंगे ,2018 के विधानसभा चुनाव में सर्वे के विपरीत मनमाने ढंग से टिकट बांटने के कारण भाजपा सत्ता से बाहर हो गई थीl ना तो भाजपा के खिलाफ मध्यप्रदेश में anti-incumbency थी और ना ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफl इसके बावजूद मध्य प्रदेश की सत्ता भाजपा के हाथ से निकल गई थी l दोबारा वह गलती ना हो इसलिए अब मध्य प्रदेश की कमान केंद्रीय नेतृत्व खुद अपने प्रभारियों के माध्यम से संभालेंगेl  यह सही है कि जिन विधायकों के खिलाफ anti-incumbency थी, जो हर स्तर के सर्वे में फेल हुए थे l उसके बावजूद उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट थमा दिए गए थेl जिसके चलते कांटे के मुकाबले में भाजपा सत्ता के बाहर हो गई थी l वर्तमान में भी  मध्यप्रदेश में भाजपा के आधे से अधिक विधायकों के खिलाफ लोकल anti-incumbency हैl जिन विधायकों के खिलाफ लोकल anti-incumbency है उनके विधानसभा क्षेत्र में किसी योजना का कोई भी लाभ होता नजर नहीं आ रहा है ना ही मोदी और शिवराज फैक्टर बाहर चल पा रहा हैl जैसे ही प्रत्याशी बदले जाएंगे वैसे ही भाजपा को ना सिर्फ सभी योजनाओं का बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चौहान फैक्टर का लाभ भी मिलेगाl लोकल इनकंबेंसी भी खत्म हो जाएगी । यह भी सही है कि ऊपर तक मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जो खबरें पहुंची थी l उससे केंद्रीय नेतृत्व चिंतित हुआ थाl मध्य प्रदेश को भाजपा की राजनीतिक की नर्सरी माना जाता हैl यही वजह है कि भाजपा मध्य प्रदेश मैं हर हाल में सत्ता में वापस फिर से आना चाहती है वही अब मध्य प्रदेश की राजनीति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो चुके हैं l कल उन्होंने जो काम दिया है वह 30 जुलाई को वापस भोपाल आकर उसका फीडबैक भी लेंगे l चुनावी सर्वे की बात करें तो इस बार भी मुकाबला पिछली बार की तरह कांटे का नजर आ रहा है l इसलिए केंद्रीय नेतृत्व मध्यप्रदेश में सक्रीय हुआ हैl गुजरात के पैटर्न पर ही विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण होगा ऐसे संकेत मिल चुके हैंl कर्नाटक में मिली करारी हार के बाद भाजपा अब मध्यप्रदेश में सतर्कता बरत रही है l शाह के दौरे से एक बात और साफ हो गई कि मध्यप्रदेश में अब सत्ता और संगठन में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होगाl केंद्रीय नेतृत्व के लगातार मध्यप्रदेश में आगमन से यह बात बिल्कुल साफ हो चुकी है की चुनावी रणनीति अब राजनीति के चाणक्य केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में ही बनेगी l