सतना /नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ने शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट-1 सतना में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में विद्यार्थियों से कहा कि परीक्षा के समय आमतौर पर विद्यार्थी तनाव महसूस करते हैं। इस तनाव को बेहतर समय प्रबंधन के साथ परीक्षा की तैयारी सहजता से नियमित रूप से करें, तो इसको काफी हद तक कम किया जा सकता है। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में टाइम मैनेजमेंट बहुत जरुरी चीज है। दिन के 24 घंटे को ट्रिपल ए के फॉमूलें में बांटकर उसके हिसाब से काम करें, तो सफलता मिलनी तय है। उन्होने कहा कि 8 घंटे की नींद मन की स्थिरता के लिये जरुरी है। 8 घंटे एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी और 8 घंटे का समय स्टडी को दें। लेकिन कोई भी काम निरंतर नहीं करना है। इसमें भिन्नता होनी चाहिये। जिससे बोरियत महसूस नहीं होगी। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने सोमवार को शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट-1 सतना के छात्रों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन का सजीव प्रसारण सुना। इस मौके पर सांसद गणेश सिंह, कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े, जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, डीपीसी विष्णु त्रिपाठी एवं विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों की समस्या को समझा और पिछले 6 वर्षों से इस विषय पर लगातार संवाद किया। अब इसके बेहतर परिणाम भी सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे परीक्षा के समय बहुत अधिक तनाव लेते हैं। जिसके फलस्वरुप तैयारी में बुरा असर पड़ता है और परीक्षा में बैठने के दौरान प्रश्न का उत्तर सही तरीके से नहीं दे पाते हैं। जिससे परीक्षा परिणाम अपेक्षा अनुरुप नहीं मिलता है। इसकी वजह से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने कहा कि बच्चे क्वेशचन को रटें नहीं। क्वेशचन के बारे में थ्योरिटिकल और प्रैक्टिकली नॉलेज रखें। साथ ही परीक्षा में पास या फेल होने पर उसे माइंड नहीं करें। फेल होने पर दुगुनी मेहनत के साथ तैयारी करते रहें और पास होने पर आगे के लिये अधिक ऊर्जा के साथ तैयारी जारी रखें। विद्यार्थी को अपने जीवन में चुनौतियों के सामने समर्पण नहीं करना चाहिये। हमेशा बहते हुये पानी की तरह आगे बढ़ते रहें। विद्यार्थी ही देश के स्वर्णिम भविष्य का आधार हैं। खासतौर पर परीक्षा की तैयारी के समय अधिक तनाव नहीं लें। टाइम मैनेजमेंट करते हुये अपने आप को मोटिवेट करते रहना है, सफलता अवश्य मिलेगी। राज्यमंत्री ने कहा कि यह जरुरी है कि शिक्षक और अभिभावक मिलकर छात्रों से संवाद करें, तो इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। जीवन में परीक्षा अंतिम अवसर नहीं हुआ करती है। कारणवश यदि असफल हो भी जाएं, तो निरंतर प्रयास के अभ्यास को नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ अपनी रूचि के साथ भी जुड़े रहना चाहिए। विद्यार्थियों को व्यायाम, संतुलित आहार के साथ जीवनचर्या पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम उपरांत विद्यालय परिसर में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी और सांसद गणेश सिंह ने विद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया। प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन परीक्षा पे चर्चा संस्करण 7 में नई दिल्ली के भारत मण्डपम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर के विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने बच्चों के सवालों को सुना और उनका जवाब दिया। श्री मोदी ने कहा कि शिक्षक का काम केवल जॉब करना नहीं है, बल्कि जिंदगी सवारने का है। इस वजह से यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम उन्होंने विद्यार्थियों से तकनीक के उपयोग के साथ-साथ लिखने का अभ्यास निरंतर करने को भी कहा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि अगर जीवन में चुनौतियां न हो, प्रतिस्पर्धा ने हो, तो जीवन बहुत ही प्रेरणाहीन बन जायेगा। जीवन में कॉम्पटीशन का होना बहुत जरुरी है। लेकिन वह कॉम्पटीशन हेल्थी होना चाहिये। उसमें किसी प्रकार की विकृत भावना नहीं होनी चाहिये।