बालाघाट शहरी क्षेत्र के बड़े व्यापारियों द्वारा अन्य जिलों एवं राज्यों से बहुत सारी कृषि उपज मंगाकर उनका यहां थोक एवं चिल्लर व्यापार किया जाता है। वहीं अन्य‍ राज्यों से आने वाली कृषि उपजों पर मंडियों को मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क मिलता हैं जो कि मण्डी के लायसेंसी व्या‍पारियों द्वारा मंडी में जमा किया जाता हैं। बालाघाट मंडी क्षेत्र में अन्य राज्यों से मंगाई जाने वाली मिर्च, हल्दी, मूंगफली आदि अनेक कृषि जिन्सों पर गैर मण्डी लायसेंसी व्या‍पारियों द्वारा ना तो मंडी शुल्क चुकाया जाता है, ना ही उनके द्वारा अभी तक मंडी लायसेंस बनाया गया है। मंडी समिति बालाघाट के भारसाधक अधिकारी श्री गोपाल सोनी (एसडीएम) द्वारा मंडी सचिव एवं उड़नदस्ता दल को मंडी क्षेत्र में कृषि उपजों के अवैध भंडारण, अवैध परिवहन एवं अवैध क्रय-विक्रय पर अंकुश लगाने के स्‍पष्‍ट निर्देश दिये गये है। जिसके परिपालन में मंडी सचिव मनीष मडावी के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक मनोज पटले और प्रकाश सोनवाने द्वारा 01 मई 2024 की सुबह आयशर ट्रक क्रमांक एमएच-24-जे-8333 को रोककर पूछताछ की गयी। जो कि नागपुर से मूंगफली दाना ला रहा था। मौके पर वाहन में मूंगफली दाना के परिवहन हेतु आवश्यक बिल, बिल्टी, अनुज्ञा पत्र एवं ई-वे बिल बरामद नहीं हुये। वाहन चालक द्वारा बताया गया कि वह अपने वाहन में नागपुर से 50 कट्टे, वजन 25 क्विंटल मूंगफली दाना लोडकर बालाघाट की गैर मंडी लायसेंसी फर्म लोकुमल किशनामल वाधवानी के लिए ला रहा था।