बांग्लादेश। भारत के पूर्वोत्तर में उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए हथियारों की तस्करी के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक बांग्लादेश के पूर्व मंत्री लुत्फोज्जमां बाबर को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के एक और विवादास्पद कदम के तहत गुरुवार को ढाका की सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे मुश्किलों में घिरे बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों का हौसला बढ़ेगा।

बाबर खालिदा जिया की अगुआई वाली सरकार में 2001 से 2006 तक गृह राज्य मंत्री रहा। उसे मई 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ग्रेनेड हमला और दस ट्रक हथियार और गोला-बारूद की तस्करी के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था।

2004 में चटगांव के रास्ते पूर्वोत्तर भारत में दस ट्रकों से हथियार पहुंचाने के प्रयास को नाकाम कर दिया गया था। इन हथियारों को असम में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा गुप्त ठिकानों तक पहुंचाना था। इन मामलों में बाबर को उम्रकैद और मौत की सजा मिली थी। लेकिन गत अगस्त में यूनुस सरकार के गठन के बाद उसे कई मामलों में बरी करने की प्रक्रिया शुरू की गई।