झाबुआ l मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए, प्राकृतिक आपदाओं कीट एवं रोगों से किसी भी अधिसूचित फसल के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा आवरण एवं वित्तीय समर्थन प्राप्त हो सके, इरा हेतु कृषि विभाग द्वारा किसान भाईयों से अपील की जाती है कि. अधिक से अधिक संख्या में अपनी फसलों का प्राकृतिक क्षतिपूर्ति हेतु फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 के पूर्व फसल बीमा करवा सकते है। जिससे फसलों में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई होकर, जोखिम से बचा जा सके। जिले के सभी किसान भाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ खरीफ मौसम में ले सकते है। यह योजना शासन द्वारा किसानों के हित में खेती किसानी उद्यम को समुचित आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्दे श्य से प्रारंभ की गई है।

              किसान फसल बीमा कहाँ करवायें:- जो कृषक किसी भी कारण से फसल ऋण नहीं ले रहे हो वे कृषक अपनी फसल का बीमा अपने क्षेत्र की राष्ट्रीयकृत बैंक/प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति/कामन सर्विस सेन्टर/ मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा से सम्पर्क कर आवश्यक प्रीमियम भुगतान उपरांत फसल बीमा करवा सकते है। योजनान्तर्गत आच्छादित परिस्थितियां:- इस योजना में ओला, पाला, तूफान, बाढ़, जल प्लावन, सूखा, कीट एवं रोग, आकाशीय बिजली आदि नुकसानी को शामिल किया गया है। कीट-व्याधी से फसल नुकसानी पर भी योजना में लाभ प्राप्त होगा। इस योजना में फसल वोने/रोपने अंकुरण नष्ट होने के पश्चात मौसम की विपरीत परिस्थितियों के कारण फसल को नुकसान होने पर किसान को बीमित राशि के 25 प्रतिशत का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। इस योजना में आने वाले खर्च का वहन केन्द्र और राज्य दोनों के द्वारा किया जायेगा। योजना में वे सभी किसान लाभांवित हो सकेंगे जिसके पास स्वयं की खेती है या बटाई पर खेती की गई हो। योजनान्तर्गत सभी प्रकार की फसलो (रवी, खरीफ, वाणिज्यिक फसल) को शामिल किया गया है। ऋणी कृषकों का कराल ऋण प्राप्त करते समय बैंक द्वारा स्वतः फसल बीमा करवाया जा सकेंगा किसान योजना से बाहर होने का विकल्प बीमांकन की अंतिम तारीख के 07 दिवस पूर्व चुन सकता है।

            योजना के तहत प्रीमियम दर:- खरीफ फसलों हेतु बीमित राषि का 2 प्रतिशत या वास्तविक दर जो भी कम हो एवं कपास फसल के लिए 5 प्रतिशत या वास्तविक दर जो भी कम हो लागू होगी।

              जिले हेतु निर्धारित ऋणमान (स्केल ऑफ फाइनेंस):- खरीफ फसल 2024 हेतु ऋणमान प्रति हेक्ट. रूपये में निर्धारित किया गया है जिसमे धान सिंचित 30 हजार रूपए, धान असिंचित 22 हजार रूपए, मक्का 26 हजार रूपए, ज्वार 22 हजार रूपए, बाजरा 15 हजार रूपए, मूंगफली 19 हजार 500 रूपए, सोयाबीन 36 हजार रूपए, कपास 50 हजार रूपए, मूंग 22 हजार 800 रूपए, उडद 25 हजार रूपए एवं तुअर 30 हजार 800 रूपए है। फसल बीमा हेतु कृषक श्रेणी:- ऋणी एवं अऋणी किसानों का फसल बीमा समान होगा। ऋणमान का निर्धारण स्केल ऑफ फाइनेंस के आधार पर होगा।