सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट पर होने जा रहे तीसरे उपचुनाव में भाजपा ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया है वहीं कांग्रेस ने लगातार तीसरे उपचुनाव में भी राजकुमार पटेल को ही अपना प्रत्याशी बनाया है वह भी तब जबकि वे पूर्व के दो उपचुनाव में पराजित हो चुके थे । बुधनी विधानसभा की राजनीति किरार समाज के दो नेताओं के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है । भाजपा से  केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल। बुधनी सीट पर कभी पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल का दबदबा रहा करता था, किरार समाज का पूरा समर्थन भी राजकुमार के साथ हुआ करता था । उनके भाई देव कुमार पटेल भी बुधनी विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं लेकिन शिवराज सिंह चौहान के चुनावी रण में आने के बाद किरार समाज का वह समर्थन शिवराज सिंह चौहान के साथ हो गया और समय के साथ राजकुमार पटेल अपने ही घर में कमजोर पड़ते गए । बुधनी विधानसभा उपचुनाव में किरार समाज निर्णायक भूमिका निभाता है, यह किसी से छुपा नहीं है हालांकि राजपूत ,यादव और ब्राह्मण समाज की तादाद भी यहां कम नहीं है । लोगों की माने तो यहां से प्रत्याशी भले ही रमाकांत भार्गव हैं लेकिन चुनाव केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ही लड़ रहे हैं । भाजपा ने बहुत सोच समझकर रमाकांत भार्गव पर दाव लगाया है ,भाजपा यह भली भांति जानती है कि किरार बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में किरार समाज राजकुमार पटेल की अपेक्षा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप मतदान करेगा वहीं  मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सक्रियता से यादव का समाज का समर्थन भी भाजपा को बड़ी आसानी से मिल जाएगा रही बात ब्राह्मण की तो भार्गव स्वयं ब्राह्मण है ऐसे में ब्राह्मण समाज का झुकाव भी भाजपा प्रत्याशी की तरफ होना स्वाभाविक है । रमाकांत भार्गव के प्रत्याशी घोषित होते ही राजपूत समाज में दबदबा रखने वाले पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह ने अपना खुला विरोध दर्ज कराया था परंतु वह अब भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव के समर्थन में हैं । भार्गव को प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी वर्ग का समर्थन भी मिलने की उम्मीद है । भाजपा प्रत्याशी की माने तो वे बुधनी विधानसभा उपचुनाव से सबका साथ ,सबका विकास और सब का प्रयास के दम पर अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की तैयारी भी कुछ ऐसी ही है पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को किरार समाज का पूरा समर्थन मिलने की उम्मीद है । कांग्रेस के यादव और ब्राह्मण समाज के दिग्गज नेता भी अपनी-अपनी समाज से पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को समर्थन दिलाने के लिए सक्रिय हो चुके हैं । कांग्रेसियों की माने तो यह उपचुनाव परफॉर्मेंस के आधार पर होने जा रहा है और परफॉर्मेंस के मामले में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल ,पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव पर भारी पड़ते नजर आते हैं । उनके राजनैतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तगड़ी पैरवी के कारण ही उन्हें टिकट मिला है । दिग्विजय सिंह खुद राजपूत - ठाकुर लाबी को राजकुमार के पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं । मतदाताओं का एक वर्ग कृषि कार्यों में व्यस्त है ,कांग्रेस खाद की कमी को मुद्दा बनाकर किसानों की नाराजगी को भुनाना चाह रही है । कांग्रेस के लिए यह राहत वाली बात हो सकती है कि अब तक बुधनी विधानसभा से कोई भी ब्राह्मण समाज का प्रत्याशी जीतने में सफल नहीं हुआ है l लेकिन भाजपाई  भी यह कहते नहीं थक रहे हैं कि बुधनी विधानसभा में हुए उपचुनाव में सत्ताधारी दल भाजपा ही विजयी होती रही है और इस बार भी भाजपा ही जीतेगी l दोनों ही राजनैतिक दलों के स्थानीय कार्यकर्ता गली - कूचों ,मोहल्लों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं । टिकट की दौड़ में पराजित दोनों ही दलों के नेता और उनके राजनैतिक आका  अपना वर्चस्व साबित करने के लिए विरोधी रुख अपनाएंगे या फिर तन -मन -धन से अपनी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन करेंगे ,इस पर सब की नज़रें टिकी हुई है । दोनों ही राजनैतिक दलों में टिकट चाहने वालों की सूची काफी बड़ी थी जिन्हें टिकट नहीं मिली उनकी नाराजगी भी देखने में आई थी । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा उपचुनाव में बड़ी जीत के लिए प्रयास करेंगे क्योंकि इससे दोनों की ही राजनीति के बढ़ते कद को फायदा मिलेगा परंतु यदि उपचुनाव में भाजपा को पराजय मिली तो ना सिर्फ मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नंबर कम होंगे बल्कि केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का राजनैतिक कद भी प्रभावित होगा। यह उपचुनाव दोनों ही प्रत्याशियों के लिए "करो या मरो" वाला उपचुनाव है । इतना तय है कि इनमें से जो भी हारेगा वह राजनीति में हासिये पर चला जाएगा। इस उपचुनाव में इस बात का परीक्षण भी होगा कि ब्राह्मण समाज जैसा समर्थन शिवराज सिंह चौहान को देता था क्या वैसा ही समर्थन किरार समाज ने रमाकांत भार्गव को दिया है ..? यह उपचुनाव यह भी तय करेगा कि वास्तव में आम जनता की कसौटी पर सर्वमान्य कौन है ,प्रतिष्ठा की इस कसौटी पर खरा कौन है..?