जियो टैग मिलने से चिन्नौर के उत्पादन को मिला प्रोत्साहन

बालाघाट l जियो टैग मिलने से चिन्नौर के उत्पादन को मिला प्रोत्साहनचिन्नौर की खेती करने वाले किसानों की बढ़ रही है आय अपने स्वाद एवं सुगंध के लिये मशहूर चिन्नौर चावल बालाघाट जिले की एक अलग ही पहचान है। चिन्नौर को जियो टैग मिलने के बाद बालाघाट जिले में चिन्नौर के उत्पादन को प्रोत्साहन मिला है और इससे चिन्नौर की खेती करने वाले किसानों की आय मे ईजाफा हो रहा है। चिन्नौर चावल को प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद में भी शामिल किया गया है। बालाघाट जिले में चिन्नौर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये लालबर्रा एवं वारासिवनी में 02 एफपीओ काम कर रहे है। लालबर्रा विकासखण्ड में लालबर्रा चिन्नौर फार्मर्स प्रोड्युसर कम्पनी एवं वारासिवनी विकासखण्ड में चिन्नौर वेली वारासिवनी के नाम से एफपीओ काम कर रहे है। लालबर्रा चिन्नौर फार्मर्स प्रोड्युसर कम्पनी के अध्यक्ष श्री ईशुपाल चौहान एवं इस कम्पनी के सीईओ श्री थानेन्द्र कटरे ने बताया कि उनकी कम्पनी का कार्यालय गर्रा में संचालित किया जा रहा है। उनके एफपीओ में चिन्नौर की खेती करने वाले 515 सदस्य किसान जुड़े हुये है। गत वर्ष इनमे से 400 किसानों ने चिन्नौर धान अपने खेत में लगाया था। इस वर्ष उनके सदस्यों की संख्या बढ़ गई है और 700 किसानों ने 1500 से 2000 एकड़ क्षेत्र में चिन्नौर धान लगाया है। गत वर्ष उनके एफपीओ का वार्षिक टर्न ओवर 75 लाख रुपये का रहा है। इस वर्ष इसे बढ़ाकर 02 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। कम्पनी के अध्यक्ष श्री ईशुपाल चौहान एवं इस कम्पनी के सीईओ श्री थानेन्द्र कटरे ने बताया कि उनकी कम्पनी द्वारा किसानों को चिन्नौर का बीज उपलब्ध कराया जाता है और किसानों को सुझाव दिया जाता है कि इसके उत्पादन में रासायनिक खाद एवं उर्वरक का प्रयोग न करे और केवल वर्मी कम्पोष्ट जैविक खाद का उपयोग करे। उनके एफपीओ से जुड़े किसानों द्वारा केवल जैविक चिन्नौर का ही उत्पादन किया जाता है। किसानों द्वारा उत्पादित चिन्नौर उनकी कम्पनी द्वारा 05 से 06 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद लिया जाता है। जो कि धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य से लगभग 03 गुना होता है। किसानों से खरीदे गये चिन्नौर धान की मिलिन्ग कर चिन्नौर चावल 01 किलो, 10किलो एवं 30 किलो के पैकिंग में विक्रय के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है। जीआई टैग वाला यह चिन्नौर चावल 14 हजार से 15 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से विक्रय किया जाता है। कम्पनी के अध्यक्ष श्री ईशुपाल चौहान एवं इस कम्पनी के सीईओ श्री थानेन्द्र कटरे ने बताया कि उनकी कम्पनी द्वारा इन्दौर, भोपाल, जबलपुर, नागपुर, रायपुर आदि शहरों में चिन्नौर का चावल प्रदाय किया जा रहा है। असम के कुछ एफपीओ द्वारा उनके कम्पनी से सम्पर्क कर चिन्नौर चावल की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि उनकी कम्पनी के पास विदेशों में चिन्नौर चावल निर्यात के लिये लायसेंस है जैसे ही जिले में चिन्नौर का उत्पादन बढ़ेगा उनकी कम्पनी विदेशो को भी चिन्नौर निर्यात करने लगेगी।सीईओ श्री कटरे ने बताया कि एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत बालाघाट रेल्वे स्टेशन में भी जीआई टैग प्राप्त चिन्नौर चावल के विक्रय का स्टॉल लगाया गया है। चिन्नौर को जीआई टैग मिलने से और एक जिला एक उत्पाद में शामिल किये जाने से जिले के किसानों की आमदनी में ईजाफा हो रहा है। जीआई टैग प्राप्त चिन्नौर चावल के लिये आमजन उनकी कम्पनी के गर्रा स्थित कार्यालय या मोबाईल न.9407009694 पर भी सम्पर्क कर सकते है।