छिंदवाड़ा l  जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र छिन्दवाड़ा की वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक आज कृषि विज्ञान केन्द्र छिन्दवाड़ा के सभाकक्ष में संपन्न हुई । बैठक में समिति के 20 सदस्यों सहित अन्य 10 प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया । बैठक में संचालनालय विस्तार सेवाएं जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय वैशम्पायन ने अध्यक्षता की।
बैठक के आरंभ में उपस्थित सभी सदस्यों का परिचय अध्यक्ष डॉ.वैशम्पायन ने प्राप्त किया । सलाहकार समिति की बैठक में केन्द्र द्वारा किए गए विगत रबी सत्र के कार्यों की समीक्षा एवं आगामी खरीफ की कार्य योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र छिन्दवाड़ा के कार्यों का प्रस्तुतीकरण वैज्ञानिक श्रीमती रिया ठाकुर द्वारा किया गया |  वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. डी. सी. श्रीवास्तव ने केंद्र की गतिविधियों एवं उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।  डॉ. संजय वैशम्पायन ने आगामी कार्ययोजना हेतु सुझाव दिए एवं प्राकृतिक खेती को अपनाने पर जोर दिया। साथ ही जिले में मिलेट उत्पादन एवं श्री अन्न प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं औषधीय फसलों की संभावना सुनिश्चित करने के लिये केंद्र में प्रदर्शन हेतु सुझाव दिया।
उद्यानिकी महाविद्यालय छिंदवाड़ा के अधिष्ठाता डॉ. विजय कुमार पराड़कर ने  मक्के की विभिन्न किस्मों के बारे में कृषकों को बताया । साथ ही संकर किस्मों को साइलेज हेतु उपयुक्त बताया।  उप संचालक कृषि श्री जीतेन्द्र कुमार सिंह ने मिलेट  एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में जिले के कृषि से संबंधित सभी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे | सभी आधिकारियों ने अपने विषयों से सम्बंधित योजनाओं पर जानकारी दी एवं कार्ययोजना हेतु सुझाव दिए | कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डॉ.आर के झाड़े द्वारा किया गया। कृषकों ने वैज्ञानिकों से अपनी समस्याओं पर चर्चा की एवं समुचित निराकरण प्राप्त किया |
कार्यक्रम के अंत में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डी. सी. श्रीवास्तव ने बैठक  में उपस्थित सभी अधिकारी-कर्मचारियों और प्रगतिशील कृषकों का आभार प्रदर्शन किया | कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र  वैज्ञानिक डॉ.सरिता सिंह एवं तकनीकी अधिकारी के रूप में श्री नितेश गुप्ता, श्री एस. एल. अलावा एवं श्रीमती चंचल भार्गवा एवं प्रगतिशील कृषक श्री शरद चौहान, श्री मेरसिंह चौधरी, श्री कमल पाठे, श्री संतोष डोंगरे आदि ने भी भाग लिया।