रतलाम / संस्कृति विभाग मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार सृष्टि आरंभ दिवस प्रतिपदा विक्रम संवत 2082 विक्रमोत्सव 2025 का शुभारंभ रतलाम जिले में गुजराती समाज स्कूल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य काश्यप, जिला अध्यक्ष श्री प्रदीप उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लालाबाई शंभूलाल चंद्रवंशी, महापौर श्री प्रहलाद पटेल द्वारा सूर्य उपासना कर, भगवान श्री राम की चरण वंदना कर, ब्रह्मध्वज लहराकर किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री राजेश बाथम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री निर्देशक शर्मा मंचासिन रहे। इस अवसर पर भाजपा नेता श्री मनोहर पोरवाल, समाजसेवी श्री गोविंद काकानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण एवं आमजन उपस्थित रहे।

मंत्री श्री चेतन्य काश्यप ने कहा कि हिन्दू नववर्ष देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के विकास को नई दिशा देने वाला सिद्ध होगा। नव वर्ष पर नाट्य मंचन की परंपरा मध्यप्रदेश में उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित है। उज्जैन के राजा सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता भारतीय संस्कृति को ऊंचाइयां प्रदान करती हैं। विक्रम संवत शकों पर विजय का प्रतीक है। उज्जैन में स्थित ऋण मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर इस बात का प्रतीक है कि सम्राट विक्रमादित्य ने राज्य को ऋण मुक्त करके विक्रम संवत की स्थापना की। यह हमारे गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश को उद्योग और रोजगार प्रदान किए हैं। विक्रमादित्य शोध संस्थान द्वारा नाट्य मंचन से हमें भारतीय संस्कृति की विरासत की जानकारी मिलती है।

कार्यक्रम के दौरान सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित नाटिका का मंचन किया गया। मंचन के दौरान संपर्क विक्रमादित्य द्वारा शकों को परास्त करते दिखाया गया। सम्राट विक्रमादित्य द्वारा कुलदेवी मां हरसिद्धि की स्तुति करने पर उन्हें सिंहासन बत्तीसी प्रदान की गई। सम्राट विक्रमादित्य ने अपने राज्य में नवरत्नों की नियुक्ति की। धन्वंतरि,  क्षपणक,  अमरसिंह,  शंकु,  बेतालभट्ट, घटखर्पर, कालिदास, वराहमिहिर और वररुचि सम्मिलित थे। उन्होंने अपने नवरत्नों में धूर्तों को भी स्थान दिया ताकि धूर्तों को उनकी ही भाषा में उत्तर दिया जा सके। सम्राट विक्रमादित्य ने वैश्विक काल गणना के लिए उज्जैन को केंद्र बनाया और नवीन पंचांग की स्थापना कर विक्रम संवत का प्रारंभ किया।नाट्य मंचन में श्री गौरव त्रिवेदी ने विक्रमादित्य की भूमिका निभाई। अन्य कलाकारों में श्री रोहन बाथम, श्री नरेंद्र किरार, श्री अनुराग मिश्रा, श्री तनिष्क मिश्रा, श्री शिवम व्यास, श्री अनिकेत, श्री यश, श्री हर्षल शर्मा, श्री मानवेंद्र शर्मा, श्री विज्ञांश शर्मा, चारुलता, स्नेहा, प्रियांशी शर्मा, आचार्य श्री रुद्र आदि द्वारा भूमिकाये निभाई गई। कार्यक्रम का संचालन आचार्य रूद्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्री रजनीश सिन्हा, श्री हिमांशु भट्ट, श्री खुशाल सिंह पुरोहित, श्री सुभाष कुमावत, श्री आनंद व्यास, श्री रत्नेश विजयवर्गीय, श्री बी.के. पाटीदार, श्री ए.पी. सिंह, श्री शरद शुक्ला, श्री दीपक उपाध्याय, श्री विनोद गहलोत सहित अनेक जनप्रतिनिधि विभागीय अधिकारी कर्मचारी, गणमान्य नागरिक आदि मौजूद रहे।