शहडोल l मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आहार अनुदान योजना में मध्य प्रदेश के ऐसे 14 जिलों जहां बैगा, भारिया और सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग बहुतायत से रहते हैं, कुल 29 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहडोल में विभिन्न 16 कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन भी किया। लोकार्पित कार्यों की लागत 35 करोड़ 94 लाख रुपए है। जिन कार्यों का शिलान्यास हुआ उनकी लागत 15 करोड़ 55 लाख रुपए है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के जनजाति बहुल विकासखंडों में विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग व्यवस्था भी की जाएगी। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय वर्ग के विकास के लिए पहल की है। किसी समय मिलेट्स (श्रीअन्न) को गरीबों का अन्न कहा गया था, हमारे देश का मुख्य आहार चावल, कोदो-कुदकी, ज्वार-बाजरा ही रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मोटे अनाज अर्थात श्रीअन्न के उपयोग पर जोर दिया है। देश में मोटे अनाजों का प्रचलन बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत श्रीअन्न - कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की अतिरिक्त राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।

शहडोल संभाग में प्रमुख रूप से कोदो- कुटकी की खेती होती है। कोदो-कुटकी के किसानों की आय में वृद्धि के के साथ ही इन उत्पादों के उपयोग से लोगों का स्वास्थ्य स्तर बेहतर होगा। इस अंचल में सुपर फूड माने गए रागी और अन्य मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जाएगा। रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित की जाएगी। इससे किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों का कल्याण भी होगा, जो प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्राथमिकता भी है।