मात्र 1 एकड़ भूमि में रेशम कीट पालन से अर्जित की ₹1.03 लाख की आय

नर्मदापुरम जिले के विकासखण्ड बनखेडी अंतर्गत ग्राम तिन्दवाड़ा की श्रीमती विनीता बाई पति श्री कौशिक पटेल ने मध्यप्रदेश शासन की स्वावलंबन योजना के माध्यम से रेशम कीट पालन को अपनाकर आत्मनिर्भरता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। विनीता बाई मूलतः ग्राम चिल्लोद की निवासी हैं, जो तहसील बनखेड़ी से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अत्यंत साधारण आर्थिक स्थिति में जीवन यापन कर रहीं विनीता बाई को शासकीय रेशम केन्द्र तिन्दवाड़ा में भोगाधिकार योजनांतर्गत 1 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी। इससे पूर्व उनके पास आय का कोई नियमित साधन नहीं था, और उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
मध्यप्रदेश सरकार की स्वावलंबन योजना ने उनके जीवन को नई दिशा दी। उन्होंने योजना का लाभ उठाते हुए रेशम कृमिपालन का कार्य शुरू किया। प्रारंभ में प्रशिक्षण और विभागीय सहयोग से शुरुआत करने वाली विनीता बाई ने अब यह कार्य नियमित रूप से करना प्रारंभ कर दिया है और वर्ष 2024-25 में मात्र 1 एकड़ भूमि से ₹1,03,802/- की आय अर्जित की है।
रेशम विभाग द्वारा समय-समय पर दी गई उन्नत तकनीकों की जानकारी, प्रशिक्षण, गुणवत्तायुक्त ककून उत्पादन हेतु मार्गदर्शन एवं सहायताओं ने उनके कार्य को और भी अधिक सशक्त बनाया। वर्ष 2022-23 से प्रारंभ ककून मार्केट में उन्होंने अपने उत्पाद विक्रय कर अच्छे दाम प्राप्त किए हैं, जिससे उनकी आय में निरंतर वृद्धि हो रही है। श्रीमती विनीता बाई का कहना है – "उन्हें अपने गांव में ही रोजगार का साधन प्राप्त हुआ है। रेशम उत्पादन से अब वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर पाई हैं।"
यह सफलता न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त उदाहरण है, बल्कि शासन की योजनाओं का सही क्रियान्वयन ग्रामीण महिलाओं के जीवन में किस प्रकार परिवर्तन ला सकता है, इसका प्रमाण भी है।