किसानों केा उनकी आवश्यकता अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है
दतिया/ उपसंचालक कृषि श्री राजीव वशिष्ठ ने बताया कि दतिया जिले में रबी सीजन में फसलों की बोनी का कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में फसलों में यूरिया उर्वरक की टॉप ड्रेसिंग का कार्य चल रहा है। इसलिए किसानों केा यूरिया उर्वरक की अधिक आवश्यकता है। वर्तमान में जिले के किसानों को सुगमतापूर्वक यूरिया एवं अन्य उर्वरकों को सुगमता पूर्वक वितरण जिले के समस्त डबल लॉक केन्द्रों, सहकारी समितियों, एमपीएग्रो एवं अन्य निजी उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों से किसानों केा उनकी आवश्यकता अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही जिले में शासन स्तर से भी समस्त उर्वरकों के भंडारण हेतु रैक उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे जिले में उर्वरक का पर्याप्त भंडारण एवं वितरण किया जा रहा है।
जिले में रबी सीजन हेतु 42000 मैट्रिक टन यूरिया उर्वरक का लक्ष्य रखा गया था जिसके विरूद्व शासन स्तर से जिले को 32339.200 मै.टन यूरिया उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। जिसमें जिले के किसानों को 13 जनवरी 2025 तक 30496.661 मै. टन यूरिया का वितरण करने के उपरांत आज दिनांक तक जिले में 2330.764 मै. टन यूरिया उर्वरक की उपलब्धता है। आगामी दो-तीन दिवस में जिले के डबरा रेक पॉइंट शिवपुरी रेक पॉइंट एवं दतिया रेक पॉइंट पर यूरिया उर्वरक प्राप्त होना है। जिसमें जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहेगी एवं किसानों को उनकी आवश्यकता अनुसार यूरिया उर्वरक प्रदाय निरंतर जारी है। किसी भी प्रकार की यूरिया उर्वरक को लेकर जिले में समस्या निर्मित नहीं है।
जिले में मैदानी अमले केा समस्त डबल लॉक केन्द्रों एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर तैनात करने उनकी निगरानी में किसानों केा खाद का वितरण कराया जा रहा है। 10 जनवरी 2025 को संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ग्वालियर संभाग ग्वालियर के दल द्वारा भी सेवढा विकासखंड के इंदरगढ़ तहसील में एवं भाण्डेर ब्लॉक के कई प्रतिष्ठानों पर औचक निरीक्षण किया गया। इसी प्रकार 13 जनवरी 2025 को भी उक्त दल द्वारा जिले के विकासखंड दतिया एवं बडौनी क्षेत्र में प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया जिसमें किसी भी प्रतिष्ठान पर अधिक दर पर यूरिया उर्वरक के विक्रय करने की स्थिति का प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है।
जिले के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों केा समस्त उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर उपलब्ध उर्वरक के भौतिक सत्यापन करने हेतु निर्देशित किया गया था। सभी एसएडीओ द्वारा जिले के उर्वरक प्रतिष्ठानों से वर्ष 2024-25 के उर्वरक नमूनों के प्रदाय लक्ष्यों के विरूद्व उर्वरक नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं। अभी तक जिले से रबी सीजन में 100 उर्वरक नमूनों के लक्ष्यों के विरूद्व 32 उर्वरक नमूने एकत्रित किए जाकर परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजे गए जिनमें से परीक्षण उपरांत 3 नमूने अमानक स्तर के पाए जाने पर उक्त लॉट के उर्वरक को जिले में तत्काल प्रभाव से क्रय/विक्रय एवं परिवहन, स्थानांतरण को प्रतिबंधित किया गया है।
जिले में वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों के द्वारा सभी विकासखंडों में उर्वरक भंडारण/वितरण सतत निगरानी रखी जा रही है। जिले में अवैध उर्वरक भंडारण की जानकारी संज्ञान में आते ही मैसर्स गणेश खाद भंडार भगुवापुरा प्रो. रामचंद्र शिवहरे पर एफआईआर दर्ज कराई गई। मैसर्स प्रगति खाद बीज भंडार सरसई पर अवैध उर्वरक भंडारण करने पर एफआईआर दर्ज कराई गई। साथ ही जंडेल सिंह रावत कृषक ग्राम सनाई द्वारा अवैध उर्वरक भंडारण करने के उपरांत एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस प्रकार उपरोक्त अवैध उर्वरक भंडारण होने पर उर्वरक आदेश 1985 में निहित प्रावधानों के तहत कुल 3 एफआईआर दर्ज कराई गई।
जिले में रबी सीजन हेतु 110 बीज नमूना एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरूद्व 75 नमूने एकत्रित कर अंकुरण परीक्षण हेतु बीज परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर भेजे गए। जिनमें से 13 नमूनों के परीक्षण प्राप्त होने पर 1 नमूना हरिहर कृषि सेवा केन्द्र का गेहॅू डीबीडब्लू 303 नमूना कोड आरकेआरएस-07 अमानक स्तर का पाया गया। तदउपरांत उक्त नमूना अमानक स्तर का पाए जाने के फलस्वरूप उक्त लॉट के बीज केा जिले में क्रय-विक्रय परिवहन प्रतिबंधित किया गया है।
इस प्रकार जिले में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है एवं जिले के कृषकों को सुगमता पूर्वक उर्वरक का वितरण किया जा रहा है। किसी प्रकार की अधिक दर पर उर्वरक विक्रय की शिकायत जिले में प्राप्त नहीं हुई है और न ही जिले में उर्वरक की कमी है। किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार उर्वरक वितरण कराया जा रहा है।