छिंदवाड़ा l उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह तथा कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा जिले के विकासखंड जुन्नारदेव के सुदूर अंचल के ग्राम छिन्दीकामथ में आज कृषक श्री रामजी यदुवंशी के खेत का भ्रमण किया गया तथा कृषक के प्रयासों की सराहना की गई। इसके साथ ही उप संचालक कृषि श्री सिंह द्वारा आसपास के अन्य कृषकों को भी प्राकृतिक खेती के लिये प्रोत्साहित करने की सलाह व मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
       उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया कि वर्तमान में फसलों में कीटनाशकों, खरपतवार नाशकों तथा उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से लगातार भूमि की उर्वरा क्षमता कम होती जा रही है। अनाज, फलों एवं सब्जियों आदि की गुणवत्ता भी गिरती जा रही है। जिसके सेवन से अनेक गंभीर बीमारियां घेरती चली जा रही हैं। इन सभी समस्याओं के समाधान के लिये किसान प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इन्ही प्रगतिशील किसानों में से एक जिले के विकासखण्ड जुन्नारदेव के सुदूर अंचल के ग्राम छिन्दीकामथ के कृषक श्री रामजी यदुवंशी द्वारा प्राकृतिक खेती पध्दति से गन्ने की फसल ली जा रही है। कृषक श्री रामजी द्वारा कृषि विभाग व आत्मा परियोजना के अधिकारियों के मार्गदर्शन में विगत 3 वर्षों से प्राकृतिक खेती में गन्ने की उन्नत किस्म की रेज्ड बेड पध्दति से खेती की जा रही है। कृषक के खेत में प्राकृतिक खेती की सभी यूनिट जैसे जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, बायोगैस स्लरी, गोबर की खाद एवं केचुआं खाद का उत्पादन किया जा रहा है।
       उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया गया कि कृषक द्वारा पूर्व में परम्परागत तरीके से खेती की जा रही थी, जिससे साल दर साल उनके खेत की मिट्टी की उर्वरा क्षमता कम होती जा रही थी। लेकिन विगत 3 वर्षों से जैविक एवं प्राकृतिक खेती करने से उनके खेत की मिट्टी में सुधार आया है। साथ ही उनके खेत में केचुएं की संख्या में भी वृध्दि हुई है और मिट्टी की जल धारण क्षमता भी बढ़ी है। कृषक द्वारा बताया गया कि प्राकृतिक खेती के सभी घटकों का इस्तेमाल करने के कारण फसल में किसी भी प्रकार के कीटों का प्रकोप नहीं हुआ है तथा उन्हें विगत वर्ष में 2 एकड़ खेती में 70 टन गन्ने का उत्पादन प्राप्त हुआ है, जिससे उन्हें कुल 2.5 लाख रूपये की आमदनी प्राप्त हुई।