गुना कलेक्‍टर डॉ. सतेन्‍द्र सिंह एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री प्रथम कौशिक द्वारा आज कार्यालय सहायक यंत्री कृषि अभियांत्रिकी संस्‍था का औचक निरीक्षण किया और उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यो की जानकारी प्राप्‍त की। इस दौरान सहायक यंत्री कृषि अभियांत्रिकी विभाग श्री संदेश मिश्रा ने बताया कि कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा समय-समय पर विज्ञापन जारी किया जाता है, जिसके माध्‍यम से कृषक ऑनलाइन आवेदन कर कृषि यंत्र जैसे- सुपर सीडर, हैप्‍पी सीडर, प्‍लाउ, रोटावेटर, थ्रेसर सहित स्‍पेशल मशीन, सीपर कम बाइंडर जैसे यंत्र के लिए ऑनलाइन विभाग की वेबसाइ‍ट E-krishiyantraanudan वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। विभाग की योजना के तहत यंत्रों के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला एवं लघु सीमांत कृषकों के लिए 50 प्रतिशत तथा सामान्‍य कृषकों के लिए 40 प्रतिशत अनुदान पर यंत्र प्राप्‍त किये जा सकते हैं। इन यंत्रों के उपयोग से फसल की जुताई, बुवाई एवं फर्टीलाइजर के उपयोग में काफी सुविधा होती है। इससे किसानों के समय में काफी बचत होती है और हैप्‍पी सीडर एवं सुपर सीडर यंत्र के माध्‍यम से जमीन की उर्वरक क्षमता बढ़ती है।

इस योजना का लाभ लेकर बेरोजगार युवक इन यंत्रों के माध्‍यम से उन्‍हें किराये पर चलाकर रोजगार प्राप्‍त कर सकते हैं। सहायक यंत्री कृषि अभियांत्रिकी कार्यालय अशोकनगर रोड पर सिंगवासा गांव के मुख्‍य सड़क पर स्थित है। विस्‍तृत जानकारी के लिए कार्यालय में आकर भी संपर्क किया सकता है।

 खेतों पर फसल की नरवाई में आग लगाने से भूमि में उपस्थित सूक्ष्‍म जीव जलकर नष्‍ट हो जाते हैं। मिट्टी की उर्वरक क्षमता एवं जल धारण क्षमता कम हो जाती है। फसलें जल्‍दी सूखने लगती हैं साथ ही जमीन में उपस्थित केंचुए एवं लाभदायक जीवाणु नष्‍ट हो जाते हैं और साथ ही पर्यावरण प्रदूषित होता है और तापमान में बढोत्‍तरी होती है।

फसल अवशेष प्रबंधन से होने वाले लाभ एवं नरवाई नष्‍ट करने के उपाय -

कृषक कंबाइंड हार्वेस्‍टर के साथ अनिवार्य रूप से स्‍ट्रा मैनेजमेंट सिस्‍टम अथवा भुसा मशीन (स्‍ट्रारीपर) का उपयोग करें। नरवाइयुक्‍त खेत में ज्‍यादा फसल बोने हेतु हैप्‍पी सीडर एवं सुपर सीडर से सीधे बुवाई कर समय की बचत एवं अधिक उत्‍पादन के लिए कृषि अभियांत्रिकीय विभाग की मदद से आधुनिक यंत्रों का उपयोग करें।