औषधीय खेती के लिए स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण दें

शाजापुर l कृषि विज्ञान केन्द्र स्वसहायता समूहों के सदस्यों को औषधीय पौधों की खेती करने के लिए प्रशिक्षण दें। उक्त निर्देश कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने आज खरीफ-2025 की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दिये। कलेक्टर सुश्री बाफना ने कहा कि जिले में पड़त शासकीय बंजर भूमि को औषधीय पौधों की खेती के लिए स्वसहायता समूहों को दी जा सकती है। इससे स्वसहायता समूहों की आमदनी बढ़ेगी और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में कलेक्टर ने उपसंचालक कृषि को निर्देश दिये कि नरवाई जलाने से रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। फसल काटने आने वाले हार्वेस्टर्स का रजिस्ट्रेशन करवाएं और फसल काटने के दौरान हार्वेस्टर में स्ट्रॉरिपर होना अनिवार्य करें। इस अवसर पर कलेक्टर ने उर्वरक मांग एवं आपूर्ति, अग्रिम भण्डार की समीक्षा की। कृषि विभाग की समीक्षा में कलेक्टर ने मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत दलहल, तिलहन एवं बीज ग्राम, प्रमाणित बीज वितरण के कार्य की भी समीक्षा की।
कृषि प्रोद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) के प्रदर्शन प्लाट्स एवं किसानों के प्रशिक्षण, उद्यानिकी विभाग के क्षेत्राच्छादन में बढ़ोतरी, प्रशिक्षण, मसाला, पुष्पक्षेत्र विस्तार, उद्यानिकी फसलों का विस्तार, औषधीय फसल जैसे कि चिया, किनोवा के उत्पादन की समीक्षा की। इस मौके पर मछली पालन, पशुपालन विभाग के कार्यों की भी कलेक्टर ने विस्तार से समीक्षा की।
बैठक में उपायुक्त सहकारिता श्री ओपी गुप्ता, सीईओ सीसीबी श्री विशेष श्रीवास्तव, कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डॉ. जीआर अम्बावतिया, उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. प्रशांत महाडिक, उद्यानिकी श्री मनीष चौहान, कृषि श्री केएस यादव, आत्मा प्रबंधक डॉ. स्मृति व्यास, एमपी एग्रो से श्री शैलेन्द्र कैदार, कृषि यंत्री श्री धनराजसिंह, बीज निगम से श्री जयराम मालवीय, बीज प्रमाणिकरण से श्री पीएन सिलोरिया भी उपस्थित थे।