किसानों की फॉर्मर आईडी बनवाने व ई-केवायसी का काम प्रमुखता से कराएँ
ग्वालियर जिले में भी 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण एवं राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों को ठीक करने के लिये राजस्व महाअभियान 3.0 चलाया जायेगा। पिछले दो राजस्व अभियानों की सफलता को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में राज्य शासन ने यह राजस्व महाअभियान चलाने का निर्णय लिया है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बुधवार को अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में इस अभियान को सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बैठक में कहा कि अगले दिसम्बर माह से उन्हीं किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिलेगा, जिनकी फॉर्मर रजिस्ट्री होगी। साथ ही पीएम किसान पोर्टल पर ई-केवायसी, भू-लेख रिकॉर्ड की आधार से लिंकिंग एवं बैंक खाते से आधार लिंक कराकर डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) कराना अनिवार्य है। इसलिए राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के पालन में राजस्व महाअभियान 3.0 के दौरान शेष किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री और ई-केवायसी व डीबीटी का काम प्रमुखता से कराया जाए। साथ ही इस कार्य का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे कृषक स्वयं भी फॉर्मर आईडी व ई-केवायसी के लिये आगे आएं। उन्होंने निर्देश दिए कि इस काम को पूरी गंभीरता के साथ अंजाम दिया जाए।
बैठक में बताया गया कि फ़ार्मर रजिस्ट्री एक वेब-आधारित ऐप्लिकेशन है जिसमें खेतों और किसानों से जुड़ी जानकारी होती है। कृषक स्वयं भी भारत सरकार के पीएम किसान पोर्टल mpfr.agristack.gov.in के माध्यम से अपनी फॉर्मर आईडी बनवा सकते हैं। साथ ही पटवारी के माध्यम से फॉर्मर आईडी बनवाई जा सकती है। इसी तरह कृषक भू-अभिलेख पोर्टल पर पब्लिक यूजर मॉड्यूल अथवा पटवारी मॉड्यूल के माध्यम से किसानों के आधार लिंकिंग का कार्य कराया जा सकता है।
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में अपर कलेक्टर श्री कुमार सत्यम व श्री टी एन सिंह, संयुक्त कलेक्टर श्री संजीव जैन तथा जिले के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी मौजूद थे।
परंपरागत रास्ते खुलवाएँ
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि इस बार के राजस्व महाअभियान के दौरान परंपरागत रास्तों के विवादों का निराकरण प्रमुखता से किया जाना है। सभी राजस्व अधिकारी धारा-131 के तहत प्रकरण दर्ज कर राजस्व संबंधी विवादों का निराकरण करें। साथ ही जल निकासी इत्यादि से संबंधित विवादों का भी अभियान के दौरान समाधान करें।