गेंदा का फुल भरेगा किसान की जिंदगी में नया रंग
झाबुआ l खेती को लाभ का धंधा बनाने और खेती की मृदा की उर्वकता में सुधार हेतु फसल चक्र अपनाने के साथ ही गेंदा की खेती कर के द्वारा झाबुआ जिले के अन्नदेवता को समृद्वि का मंत्र मिल गया। चूँकि जिले की सीमा गुजरात व रतलाम जिले से लगी होने से यहॉ फुलों की खेती में असीम संभावना है।
इसी संभावना को देखते हुए कलेक्टर नेहा मीना ने उद्यान विभाग कों फुलों की खेती को बढावा देने हेतु निर्देशित किया गया, जिसके पालन में उद्यान विभाग द्वारा ट्रांसफार्मीग रुरल इंडिया फाउंडेषन (टी.आर.आई.एफ.) संस्था के साथ मिलकर थांदला व पेटलावद विकासखण्ड में कलस्टर तैयारकर 1000 कृषकों का चयनकर 500 एकड में गेंदा की फसल हेतु कृष्ण भगवान झाबुआ आदिवासी महिला फार्मर प्रोडयूसर कम्पनी लि. करवड द्वारा गेंदे के बीज की व्यवस्था की गयी। इस हेतु फार्मर प्रोडयुसर कम्पनी द्वारा कृषकों को 3100 रुपये के 100 ग्राम गेंदा के बीज प्रदाय किए गए व उक्त राषि कृषक को गेंदे के फुल बेचने के उपरांत प्राप्त आय में से देना होंगे। कृषकों द्वारा गेंदे के पौघ तैयार करने हेतु रोपणी तैयार की गई व जुलाई माह में रोपणी पर तैयार पौघ को खेत में प्रत्यारोपित किए जाएंगे।
सहायक संचालक उद्यान श्री नीरज सॉवलिया द्वारा बतलाया गया की माह जुलाई में गेंदे के रोपे को खेत में लगाने के 50 दिन बाद से पहली तुडाई शुरु हो जाती है व 03-04 माह में कुल 10 तुडाई की जाती है प्रत्येक तुडाई से लगभग 06 क्विंटल फुलो की पैदावार प्राप्त होती है।