दिल्ली l केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव डॉ. अपूर्व चंद्रा ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि इन प्रोटोकॉल के बारे में सभी अस्पताल, क्लीनिक या फिर नर्सिंग होम तक पहुंचाने पर काम किया जाए ताकि प्रत्येक डॉक्टर और उनके क्लीनिक तक चिकित्सा के नए मानक पहुंच सकें। नई दिल्ली में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) से तत्काल इस पर कार्य करने के लिए कहा है। अक्सर छोटे या मध्यम शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को समय पर सही इलाज नहीं मिल पाता है। अलग अलग लक्षणों के चलते स्थानीय डॉक्टर भी असमंजस में रहते हैं और मरीज स्वस्थ महसूस नहीं कर पाते। इससे निपटने के लिए 2019 में आईसीएमआर ने अलग-अलग बीमारियों और डॉक्टरों की विशेषज्ञता आधार पर एक जैसे उपचार प्रोटोकॉल बनाने का निर्णय लिया।