जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कृषि विभाग के मैदानी स्तर के अधिकारियों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन कार्य में सौंपे जाने वाले दायित्वों का गम्भीरता से निर्वाह करने के निर्देश दिये हैं ।  कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज शुक्रवार को विभागीय कार्यों की समीक्षा के लिये आयोजित बैठक में श्री सक्सेना ने कहा कि कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को नोडल अधिकारी के तौर पर उपार्जन केंद्रों पर पैनी नजर पर रखनी होगी तथा उपार्जन में गड़बड़ी या अनियमितता दिखाई देने पर उसकी सूचना तुरंत उन्‍हें देनी होगी।

          श्री सक्सेना ने बैठक में कहा कि वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को उपार्जन कार्य पर निगरानी रखने कलेक्टर प्रतिनिधि के तौर पर खरीदी केंद्रों का नोडल अधिकारी बनाया जाता है। इस नाते उपार्जन में अनियमितताओं को रोकना उनका दायित्व कहीं ज्यादा है। उन्‍होंने कहा कि अभी तक उपार्जन में हुई गड़बड़ियों या फर्जीवाड़े के लिये कृषि विभाग के अधिकारियों को कभी जिम्मेदार नहीं माना गया, लेकिन इस बार गेहूँ उपार्जन के दौरान फर्जी खरीदी के मामले सामने आने पर उनकी भी जिम्मेदारी तय की जायेगी और उनके विरुद्ध कार्यवाही भी की जायेगी। उपार्जन के दौरान लापरवाही बरतना उनके लिये कई कठिनाइयों का कारण बन सकता है।

          कलेक्टर ने बैठक में साफ किया कि इस बार धान उपार्जन में जो अनियमितता सामने आई हैं वो गेहूँ के उपार्जन के दौरान नहीं आनी चाहिये। इसके लिये नोडल अधिकारी के तौर पर कृषि विभाग के मैदानी स्तर के अधिकारियों को ज्यादा सजग रहना होगा, कलेक्टर प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें लीडरशिप दिखानी होगी और खरीदी केंद्रों पर प्रभावी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। श्री सक्सेना ने कहा कि यदि उन्हें इसमें कहीं कोई कठिनाई आती है तो वे इससे उन्‍हें तत्‍काल अवगत करायें। उनसे मिली सूचना पर तत्काल कार्यवाही भी की जायेगी।

          श्री सक्सेना ने कहा कि कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों को देखना होगा कि खरीदी केंद्रों पर वास्तविक किसानों से और एफ ए क्यू गुणवत्ता के गेहूँ का ही उपार्जन हो तथा बिचौलिये या व्यापारी उपार्जन व्यवस्था का अनुचित लाभ न ले सकें। इसके लिये उन्हें स्लॉट बुकिंग से लेकर खरीदी केंद्रों पर तुलाई, पर्ची जारी करने, पोर्टल पर एंट्री, बोरियों पर टेंगिंग और स्टेक लगाने तक की प्रक्रिया पर नजर रखना होगा।

        कलेक्टर ने बैठक में कहा कि इस बार कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों के खरीदी केंद्रों के नोडल अधिकारी का नियुक्ति आदेश खरीदी प्रारम्भ होने के काफी पहले जारी कर दिये जायेगें। उन्होंने इन अधिकारियों को उपार्जन नीति का अध्ययन करने की सलाह भी दी। श्री सक्सेना ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ के विक्रय के लिये सिकमीनामा पर पंजीयन की प्रक्रिया की जानकारी गांव-गांव और किसानों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसानों को स्लॉट बुक कर ही खरीदी केंद्रों पर अपनी उपज विक्रय हेतु ले जाने को कहें। श्री सक्‍सेना ने अपने क्षेत्र में सिकमी पर हुये पंजीयनों पर भी नजर रखने की सलाह इन अधिकारियों को दी l