हरदा। गत वर्ष प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 17 अक्टूबर 2022 को किया गया। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 864 पीएमकेएसके का उद्घाटन किया गया। इसके उपरांत पूरे देश में जिला, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर 3 लाख 30 हजार प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया। जिनका उद्देश्य सभी प्रकार के कृषि संबंधी सुविधाएं जिनमें रसायनिक उर्वरक बीज कीटनाशक आदि एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाना, कृषि से संबंधित सभी जानकारी एवं शासन द्वारा चलाई जा रही स्कीमो जानकारी देना, संतुलित उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देना एवं किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए अग्रेषित करना है ।

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री द्वारा सवा लाख केंद्र राष्ट्र को समर्पित किए गए। यह कार्यक्रम राजस्थान के सीकर में किया गया जिसके साक्षी देश के विभिन्न स्थानों में बनाए गए प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र में उपस्थित करोड़ों किसान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बने। ऐसा ही एक कार्यक्रम मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के हरदा जिले में हुआ जिसका आयोजन इंडियन पोटाश लिमिटेड द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने की। उनके साथ हरदा जिले के उप संचालक कृषि (डी. डी.ए.) एम. पी. एस. चंद्रावत, आईपीएल कंपनी के मध्य प्रदेश के राज्य प्रबंधक नितेश कुमार शर्मा, भाजपा के दी। हरदा जिला के जिलाध्यक्ष अमर सिंह मीणा, नगर पालिका अध्यक्ष भारती राजू कमेडीया, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गहलोत जिला पंचायत सदस्य एवं कृषि सेवा समिति के अध्यक्ष ललित पटेल भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष राजेश गोदारा एवं आईपीएल के हरदा जिले के विक्रेता एग्रो सर्विस सेंटर के प्रोपराइटर जयप्रकाश नारायण राठी रहे।

इस कार्यक्रम में लगभग 550 किसान सम्मिलित हुए जिन्होंने पूरे कार्यक्रम एकराष्ट्र एक - 'भारत ब्राण्ड की शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अवलोकन करने से हुई, इसके उपरांत नितेश कुमार शर्मा ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य, भूमिका एवं निकट भविष्य में होने वाले लाभों के विषय में जानकारी

इसी तारतम्य में कृषि मंत्री ने अपने उद्बोधन में किसानों को संतुलित खाद के उपयोग एवं शासन द्वारा चलाई जा रही स्कीमों के बारे में जानकारी दी जिनसे किसान खेती को लाभ का व्यवसाय बना सकते हैं एवं उन्होंने आने वाले भविष्य में कृषि संयंत्रों के लिए एक अनुसंधान केंद्र बनाने की अनुशंसा भी की। सभी किसानों ने पूरे कार्यक्रम में सम्मिलित होकर एवं जानकारी ग्रहण कर इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।