ड्रिप एवं मल्चिंग पद्धति से मिर्च की खेती कर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं किसान

टीकमगढ़ l उद्यानिकी विभाग के सहयोग से नई तकनीक ड्रिप एवं मल्चिंग पद्धति से टीकमगढ़ जिले की जतारा तहसील के कई गांव में किसान मिर्च की खेती कर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। मिर्च की खेती ने किसानों के जीवन में मिठास घोल दी है। जतारा तहसील में ज्यादातर किसान गेहूं, चना व मटर की खेती करते हैं लेकिन इससे हटकर जतारा के गोर, वर्माताल, टीला, बल्देवपुरा, बागोरा व नादिया गांव के किसानों ने पारंपरिक खेती के साथ ही आधुनिक खेती अपनाकर कृषि को लाभ का धंधा बना लिया है। हाइब्रिड एफ-वन वैरायटी की मिर्च की फसल उगाकर किसान एक एकड़ में दो से तीन लाख रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं। तीन महीने में तैयार होने वाली मिर्च की इस फसल से किसान एक एकड़ में 35 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं।
जतारा निवासी किसान श्री मुईद शेख ने बताया कि पहले वह परंपरागत खेती करते थे, जिससे परिवार का गुजर बसर ठीक ढंग से हो पाता था, लेकिन उन्होंने उद्यानिकी विभाग के सहयोग से नई तकनीक ड्रिप एवं मल्चिंग पद्धति से मिर्च एवं टमाटर की खेती शुरू की। उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में एक एकड़ में फसल लगाने का काम शुरू किया तथा जून महीने से मिर्च की फसल तोड़ी जाने लगी। उन्होंने बताया कि किसान अब सब्जी और मसाले की खेती करने में रुचि बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरी मिर्च थोक बाजार में 30-40 रुपए किलो तक बिकती है लेकिन यह फसल सुर्ख लाल होकर सूखने के बाद 250-300 रुपए किलो तक बिकती है।
श्री शेख ने बताया कि एक एकड़ में मिर्च की फसल लगाने के लिए 60 हजार रुपए का खर्च आया। जबकि अब तक वह एक लाख 50 हजार रुपए की मिर्च बेच चुके हैं और इतनी ही लागत की मिर्च की फसल अभी खेत में खड़ी है। बगोरा गांव के श्री राजू कुशवाहा का कहना है कि एक एकड़ में उन्होंने मिर्च की खेती से अब तक एक लाख रुपए का मुनाफा कमाया है, जबकि परंपरागत खेती में लोगों से कर्जा तक लेना पड़ता था।
उद्यानिकि अधिकारी श्री धर्मेंद्र मौर्य ने बताया कि पहले किसान मिर्च की खेती करने से संकोच कर रहे थे, ऐसे में किसानों को पहले प्रेरित किया गया। इसके बाद उन्हें उद्यानिकी खेती से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया गया। उद्यानिकी खेती करने के लिए किसानों को नई तकनीक बताई गई। तब जाकर एक साथ 12 किसान अलग-अलग छह गांवों में उद्यानिकी खेती कर लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाइब्रिड एफ एक नई वैरायटी मिर्च में आई जिसमें किसान को 8 से 10 सेंटीमीटर लंबे मिर्च के फल प्राप्त होते हैं। उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ हरी मिर्च करीब 35 क्विंटल प्राप्त होती है, उसी को सुखाकर करीब 7 से 8 क्विंटल सूखी मिर्च किसान बेच सकते हैं। समय-समय पर वह उद्यान के द्वारा कीटों से बचाव, उत्तम बीजों का चयन, खरपतवार नियंत्रण और खाद के संबंध में जानकारी भी किसानों को दी जा रही है। किसान बेहतर उत्पादन के लिए की मिट्टी का पीएच भी पर कृषि विभाग से जांच करवाते रहें।