जबलपुर l किसान कल्याण एवं कृषि विभाग ने जिले के किसानों को खेतों को अधिक उपजाऊ बनाने के लिये मृदा परीक्षण कराने की सलाह दी है। विभाग के उपसंचालक रवि आम्रवंशी ने कहा है कि मृदा परीक्षण एक वैज्ञानिक उपयोगी और आवश्यक प्रक्रिया है तथा इसे हर किसान को अपनाना चाहिये।

        उपसंचालक श्री आम्रवंशी के अनुसार मृदा परीक्षण से किसानों को उनकी खेतों के स्वास्थ्य और उपजाऊ क्षमता की जांच करनें में मदद मिलती है। यह किसानों को मिट्टी के प्राकृतिक गुणों, उसमें कितने खनिज तत्व हैं और उसकी क्षमता के बारे में भी जानकारी प्रदान करती है। इस प्रकिया में खेत की मिट्टी का विश्लेषण किया जाता है। इसमें मिट्टी के प्राकृतिक गुणों, खनिज तत्वों की मात्रा और पोषक तत्वों की उपलब्धता का मापदंड होता है।

        उपसंचालक किसान कल्याण ने बताया कि मृदा परीक्षण से किसान सही उर्वरकों का चयन कर सकते हैं और अपने खेतों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इससे किसान यह भी जान सकते हैं कि मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है और उन्हें कैसे पूरा किया जा सकता है। किसान इसके लिये सही उर्वरक का चयन भी कर सकता है।

        श्री आम्रवंशी के अनुसार सही उर्वरक की उपलब्धता से खेतों की उपज में वृद्धि होती हैं। मृदा परीक्षण करने से किसान अपने खेतों को और भी उपजाऊ बना सकते हैं । मृदा परीक्षण करके किसान प्राकृतिक संतुलन को बनाए रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि मृदा परीक्षण करवाने किसान अपने स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकता है। मृदा परीक्षण विभागीय प्रयोगशाला में मुफ्त कराया जा सकता है।