छिंदवाड़ा l जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र  छिन्दवाड़ा में भारतीय कृषक अनुसंधान परिषद, राष्टीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो  नागपुर महाराष्ट्र एवं कृषि विज्ञान केंद्र छिंदवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमे जिले के कृषि विस्तार कार्यकर्ता और इनपुट डीलर्स ने सहभागिता की।
कृषि विज्ञान केंद्र छिन्दवाड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.डी.सी.श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में छिंदवाड़ा जिले की फसल विविधताओं और श्रीअन्न फसलों की महत्ता की जानकारी दी। राष्टीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो नागपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.एम.के.रघुवंशी ने फसल विविधीकरण की छिंदवाड़ा जिले की अनुकूलता के लिए विभिन्न आयामों के विषय में प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी प्रदान की। अधिष्ठाता उद्यानिकी महाविद्यालय डॉ.विजय पराड़कर ने जिले में धान्य फसलों व मक्का फसलों की विभिन्न विविधता और अन्य दलहन व तिलहन फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देने की बात कही। उप संचालक कृषि श्री जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जिले में फसल विविधीकरण का भविष्य उज्जवल है जिसमें हर तरह के फसल उत्पादन की अपार संभावनायें हैं। फसल विविधता के नोडल अधिकारी डॉ.आर.के.झाड़े ने कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यशाला में डॉ.आर.के.नेताम, डॉ.अभय शिरले, डॉ.गौरव महाजन, श्रीमती रिया ठाकुर, श्री नितेश गुप्ता, श्री सुंदरलाल अलावा, श्रीमती चंचल भार्गव और केंद्र के सभी अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।