जबलपुर l जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के पादप एवं कार्यिकी विभाग द्वारा शहपुरा विकासखंड के ग्राम बरमान बेलखेड़ा में आज एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय समन्वित औषधीय, सगन्धित एवं पान परियोजना के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण में वरिष्ठ प्राध्यापक डाक्टर विभा पांडे एवं वैज्ञानिक उद्यानिकी डॉक्टर चंद्रशेखर पांडे ने कृषकों को औषधीय फसलों के बारे में जानकारी दी।     

डा विभा पांडे ने बताया कि बेलखेड़ा एवं इसके आसपास के क्षेत्र की आवोहवा व भूमि औषधीय फसल लेने के लिए अनुकूल है। यहाँ अश्वगंधा शतावरी एवं चंद्रशूर की खेती की जा सकती है। डॉ चंद्रशेखर पांडे ने किसानों बताया कि औषधीय फसलों में लगने वाली आदान सामग्री कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराई जायेगी। इच्छुक किसान इसके लिये अपना पंजीयन करा सकते हैं।     

कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी रजनीश दुबे ने किसानों को रासायनिक आदान सामग्री का सीमित उपयोग करने की सलाह देते हुये जैविक एवं प्राकृतिक खेती की जानकारी दी। उन्होंने जैविक आदानों को बनाने की विधियां भी बताई।      

प्रशिक्षण में जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती श्वेता नीरज सिंह ने प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताते हुये किसानों को इसका लाभ लेने को प्रेरित किया। श्रीमती श्वेता सिंह ने महिला स्व-सहायता समूह गठन करके कृषि उत्पादों का विपणन करने का भी सुझाव दिया।       

इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कृषकों को उन्नत कृषि यंत्र एवं खेती में काम आने वाली सामग्री का वितरण किया गया । किसानों को मोटे अनाज रागी के बीज भी वितरित किये गये । प्रशिक्षण में करीब 80 कृषक शामिल हुये । इनमें बड़ी संख्या में महिला कृषक भी थीं । क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के के डेहरिया ने कृषकों का पंजीयन किया । प्रशिक्षण में कृषकों को मोटे अनाज रागी का बीज भी वितरित कराया।