शाजापुर l तहसील तराना के ग्राम गुराड़ियागुर्जर के कृषक द्वारा शंका में कृभको डीएपी की वापस की गई बोरी के बारे में स्थानीय समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित हुआ, जिसमें कृभको कम्पनी के डीएपी के पानी में नहीं घुलने का उल्लेख किया गया था।

समाचार प्रकाशित होने के पश्चात तत्काल उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास शाजापुर श्री के.एस.यादव के निर्देश पर विभागीय दल द्वारा मार्केटिंग सोसायटी शाजापुर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कृषक द्वारा वापस किये गये कृभको डीएपी खाद की बोरी में से खाद निकालकर भौतिक परीक्षण के लिए उपस्थित लोगो के समक्ष पानी के बर्तन में डाला गया जो घुलनशील पाया गया तथा जलाने पर तिखी गन्ध के साथ बुलबुले निकले। उर्वरक निरीक्षक द्वारा किसान के ग्राम गुराड़ियागुर्जर पहुंचकर किसानों के समक्ष किसान के पास शेष बचे हुए कृभको डीएपी खाद को पानी में घोला गया वहां पर भी उर्वरक घुलनशील पाया गया तथा तिखी गन्ध के साथ बुलबुले निकले। उप संचालक कृषि के निर्देश पर कृषक द्वारा वापस की गई बोरी तथा गोडाउन के स्टॉक की बोरी के अलग-अलग नमूने लेकर उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला में भेजा गया है। कृभको कम्पनी द्वारा डीएपी खाद जिले की समस्त सहकारी संस्थाओं एवं निजी विक्रेताओं को प्रदाय किया गया है। जिसमें से किसी भी कृषक से उक्त उर्वरक के बारे में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। मार्केटिंग सोसायटी से डीएपी उर्वरक प्राप्त करने वाले 68 कृषको में से 04 कृषको से चर्चा की गई सभी ने उक्त उर्वरक से कोई शिकायत होना नहीं बताया गया।

            उप संचालक कृषि द्वारा बताया गया कोई भी रासायनिक उर्वरक पानी में तुरन्त नहीं घुलता है। उर्वरक नमी के साथ धीरे धीरे ही घुलकर पौधो की बढ़वार अवधि तक पौषक तत्व मिट्टी के माध्यम से उपलब्ध कराता है। सभी खाद अथवा उर्वरको में पोषक तत्वों के अलावा फिलर पदार्थ मिलाये जाते है। फिलर पदार्थ आवश्यक नहीं कि वह पानी में घुलनशील हो। पौधों के लिए धीरे-धीरे घुलने वाला उर्वरक ही अधिक अच्छे परिणाम देता है। उप संचालक कृषि द्वारा यह भी बताया कि लिये उर्वरक नमूनो के परिणाम प्राप्त होने पर इस तथ्य की पूर्ण पुष्टि हो सकेगी।