कृषकों ने एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम में लिया प्रशिक्षण
शिवपुरी जिले में फसल विविधता एवं उद्यानिकी फसलों से अधिक आय प्राप्त करने तथा नगदी फसलों को उगाने तथा उन्नत कृषि जानकारी के लिए कृषकों को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला शिवपुरी द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी पर राज्य योजनान्तर्गत जिले के अंदर का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में आज बुधवार को जिले के कोलारस, शिवपुरी, पोहरी एवं नरवर विकासखण्ड के 60 कृषकों की सहभागिता में आयोजित किया गया।
कार्यकम का शुभारंभ कृषक पंजाब सिंह गुर्जर, कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी के प्रमुख डॉ. पुनीत कुमार एवं सहायक संचालक उद्यान बालमुकुन्द मिश्रा द्वारा मां सरस्वती पूजन के साथ किया गया। कार्यकम में उपस्थित कृषकों को उद्यानिकी फसलों में कीट रोगों के एकीकृत्त नियंत्रण के लिए तकनीकी जानकारी वैज्ञानिक (पौध संरक्षण) जे.सी.गुप्ता द्वारा बतलाई गई। साथ ही वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एम.के.भार्गव द्वारा पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से शिवपुरी जिले में नवाचार गतिविधियों में मूल्यवान फसल स्ट्रॉबेरी की उन्नत खेती की जानकारी तथा जिले में कृषि जलवायु अंतर्गत किए गए परीक्षण सह प्रदर्शन अनुभवों के साथ बताए गए तथा साहित्य का वितरण भी किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख डॉ. पुनीत कुमार द्वारा शिवपुरी जिले में उद्यानिकी फसलों की सघन खेती जिसमें फल, सब्जी एवं मसाला उत्पादन के लिए उन्नत कृषि तकनीकियों तथा फसल विविधता में टमाटर जैसी फसल में गेंदा फसल की अंतर्वर्ती खेती 16ः1 (16 कतार में टमाटर एवं 1 कतार में गेंदा) से जैविक इंजीनियरिंग के माध्यम से फसल को होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी गई।
सहायक संचालक उद्यान बालमुकुन्द मिश्रा ने बताया कि उद्यानिकी फसलों के प्रसंस्करण तथा प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्न्यन योजना से लाभ लेते हुए प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने एवं अन्य उद्यानिकी योजनाओं की जानकारी कृषकों को बतलाई गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों द्वारा उद्यानिकी के लिए उपयोगी बांस उत्पादन डॉ.एन.के.कुशवाहा तथा हाईटेक हार्टिकल्वर यंत्रीकरण की जानकारी डॉ.ए.एल.बसेड़िया द्वारा दी गई। प्रशिक्षण में इन्द्रवीर ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारी द्वारा कृषकों को तकनीकी जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र की प्रदर्शन इकाइयों का अवलोकन कराया गया। कृषकों की प्रशिक्षण उपरांत जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया।