कटनी - स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण प्राचार्या डॉ सरिता पांडे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर प्रीति नेगी के सहयोग से दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में कम लागत तकनीक जीरो बजट फार्मिंग के अंतर्गत विद्यार्थियों को ग्राम में उपलब्ध गोमूत्र एवं विभिन्न पत्तियों से जैविक कीटनाशकों को बनाने तथा फसलों में उपयोग का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। काटने वाले कुतरने वाले एवं फल छेदक कीटों की पहचान एवं उनके नियंत्रण के लिए फसल की प्रारंभिक अवस्था से प्रति सप्ताह जैविक कीटनाशकों का उपयोग करने की जानकारी दी गई।            जैविक कीटनाशकों के अंतर्गत गोमूत्र एवं नीम पत्ती का कीटनाशक बनाने का तरीका बताया गया। 15 लीटर पानी में डेढ़ सौ से 200 मिलीलीटर गोमूत्र को घोलकर फसल की प्रारंभिक अवस्था से फसल में प्रति सप्ताह छिड़काव करने या 10 लीटर गोमूत्र में 3 किलो नीम के पत्तों को एक सप्ताह तक सड़ाकर छान कर 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति सप्ताह फसल में छिड़काव की जानकारी दी गई। जिनके पास गोमूत्र उपलब्ध नहीं है वह 200 लीटर पानी में 14 से 15 किलो नीम की पत्ती को 4 से 5 दिन डुबाकर रखते हैं दिन में तीन बार डंडे से हिलाते हैं जब पानी हरा पीला हो जाए तो उसे छानकर प्रति एकड़ फसल में प्रति सप्ताह छिड़काव करने से उपरोक्त कीट नुकसान नहीं कर पाते। प्रति एकड़ पानी की मात्रा 200 लीटर की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार पांच पत्ती काढ़ा नीमास्त्र ब्रह्मास्त्र एवं आग्नेयास्त्र आदि जैविक कीटनाशकों को बनाने तथा फसलों में उपयोग करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। जिससे लागत कम एवं बाजार पर निर्भरता ना रहे।