बड़वानी l कृषि विज्ञान केन्द्र के सभाकक्ष मे वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. आर.एच.रानॉडे अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय खंडवा, मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. व्हाय.पी. सिंह, निदेशक विस्तार सेवायें, रा.वि.सि.कृ.वि.वि. ग्वालियर, निदेशक विस्तार सेवायें के प्रतिनिधि के रूप में वैज्ञानिक डॉ. आर.सी.आश्वानी विशिष्ट अतिथि के रूप में सोयाबीन अनुसंधान केन्द्र इन्दौर से प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बी.यू. दुपारे, राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल से प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर.के. सिंग व डॉ बंजारी एव डॉ. एस.आर.के. सिंग निदेशक अटारी, जोन-9 जबलपुर विशिष्ठ अतिथि के रूप में ऑनलाईन गुगल मीट के माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए । कृषि विज्ञान केन्द्र के रिंग पार्टनर के रूप में समीपस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र खंडवा, खरगौन के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा ऑनलाईन जुड़कर बैठक में भाग लिया । बैठक के आरंभ में डॉ. एस. के. बड़ोदिया, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा सभी आंगतुकों का स्वागत उद्बोधन के पश्चात् कृषि विज्ञान केन्द्र की विगत छः माह ( जून 2024 से अक्टुंबर 2024 ) की उपलब्धियॉ एवं आगामी छः माह (अक्टुबर 2024 से मार्च 2025) की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई । इस अवसर पर राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बंजारी द्वारा केन्द्र के कार्यो की सराहना करते हुए चने की खेती में राइजोबियम के प्रयोग का प्रचार-प्रसार एवं नैनो यूरिया के प्रयोग के लियें अधिक से अधिक कृषकों को जागरूक करने का सुझाव दिया । निदेशक के प्रतिनिधि के रूप में डॉ आश्वानी ने ऑन लाईन बैठक में भाग लेकर केन्द्र की गतिविधियों की प्रंशसा करते हुए अंतः सेवॉकालीन, व्यवसायिक, बाह्य कृषक प्रशिक्षण एवं मोटे अनाज पर अधिक से अधिक प्रशिक्षण आयोजित करने का सुझाव दिया साथ ही महिलाओं के कौशल विकास हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण की सलाह दी। कृषि महाविद्यालय खंडवा के अधिष्ठाता महोदय ने मूंगफली में व्हाईट ग्रीर की समस्या पर प्रशिक्षण व कपास में एच.डी.पी. विधि का अधिक प्रचार-प्रसार की बात कही साथ ही फसल विविधीकरण से लागत को कम किया जाये एवं मृदा एवं जल सरंक्षण के जागरूकता अधियान को कार्ययोजना में शामिल करने का सुझाव दिया । डॉ. व्हाय. पी. सिंह निदेशक विस्तार सेवायें रा.वि.सि.कृ.वि.वि. ग्वालियर ने केन्द्र के कार्यो की प्रशंसा व्यक्त करते हुए जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर अधिक प्रदर्शन आयोजित करने की बात कही । राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बी.यू. दुपारे ने सोयाबीन की उन्नत किस्मों एन.आर.सी.-142 व एन.आर.सी.-138 के संबध में जिलें के कृषकों को प्रचारित करने की बात कहीं। डॉ. रत्नावत उपसंचालक (पशुपालन) ने पशुपालन की वैज्ञानिक पद्यतियों के प्रचार-प्रसार एवं पशुआहार में संतुलित आहार के रूप में मिनरल मिक्चर के प्रयोग को पशुपालकों को प्रोत्साहित करने की बात कही। जिले के कृषि विभाग से सहायक उपसंचालक श्री पंवार ने रॉवे छात्राओं के माध्यम से फसलों में रोग, कीटों की पहचान संबधी जानकारी का प्रचार प्रसार की बात कही । आई.टी.सी. एन.जी. ओ. के विकास जी द्वारा मशरूम पर विशेषज्ञ के तौर पर कृषि विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण आयोजित करने की बात कही । प्रगतिशील कृषक श्री सुरेश मुकाती जी ने मूंगफली, हल्दी सहिल कंदीय फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जायें जिससे बदलती जलवायू के परिदृश्य में कृषक का लाभ बना रहें साथ ही खेती में छोटी-छोटी मशीनों को बढ़ावा देने की बात कही। प्रगतिशील कृषक श्री घमण्डी लाल ग्राम नंदगाव द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात कही । साथ ही इस बैठक में उद्यानिकी अधिकारी श्री भूरियाजी, रिलायंस फाउण्डेशन से विजय खैरनार जी, ईफीकोंर एन. जी. ओ. से जेम्स जी तथा अन्य सदस्य कृषकों ने उपस्थित होकर कार्ययोजना तैयार करने मेें सुझाव प्रदान किये । इस बैठक का संचालन तकनीकी अधिकारी श्री यू.एस. अवास्या ने किया । कार्यक्रम के अंत में डॉ बड़ोदिया द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया । बैठक के सफलतापूर्वक आयोजन में केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. डी. के. जैन, डॉ. बी. कुमरावत, श्री रविन्द्र सिकरवार, लेखापाल श्री रजींत बारा सहायक श्री अरंविद अवास्या एवं कृषि महाविद्यालय खंडवा से रॉवे कार्यक्रम अन्तर्गत आई छात्राओं ने सहयोग दिया ।