रतलाम /  भारत सरकार सहायतीत कृषि आदान विक्रेताओं के लिए एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम (देसी) अन्तर्गत मैनेज हैदराबाद के माध्यम से आत्मा द्वारा संचालित एक वर्षीय देसी कार्यक्रम आयोजन द्वारा 40 कृषि आदान विक्रेताओं को देसी डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ।उपसंचालक सह परियोजना संचालक ’’आत्मा’’ किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि कृषि आदान विक्रेताओं को बीएससी कृषि की डिग्री करना आवश्यक है बिना इस डिग्री के कोई नया लाइसेंस नहीं बनवा सकता था जिसमें कई पुराने दुकानदार ऐसे थे जिनके पास कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं था, इस कारण कई दुकानें बंद हो सकती थी।

सरकार ने इस विषय को ध्यान में रखते हुए एक वर्षीय देसी डिप्लोमा कोर्स अंतर्गत कुल 48 क्लासों में से 40 थ्योरी क्लासेस में समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण एवं 8 फील्ड विजिट होती है जिसको पुराने डीलर एवं नए डीलर आसानी से कर सकते हैं। देसी डिप्लोमा के फैसिलिटेटर श्री दीपक बकावले ने बताया कि रतलाम के सभी 40 कृषि आदान विक्रेताओ ने बहुत ही लगन मेहनत से इस डिप्लोमा कक्षाओं में भाग लेकर अन्तिम परीक्षा में सफलता प्राप्त की। अब यह विक्रेता किसानों के हित में कार्य करेंगे एवं अच्छा खाद बीज, गुणवत्ता कीटनाशक उपलब्ध कराएंगी। साथ ही तकनीकी सलाह भी कृषकों को देंगे।सहायक संचालक कृषि श्री भीका वास्के द्वारा खाद, बीज, दवाई गुण नियत्रण अधिनियम का पालन करने की समझाईश दी। सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी श्री आर.के. सिंह द्वारा कक्षाओं एवं अन्तिम परीक्षा के आयोजन सम्बध में विचार व्यक्त किये। डिप्लोमाधारक आदान विकृता श्री संदीप जोशी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सरकार का यह डिप्लोमा कार्यक्रम बहुत ही अच्छा है, इससे किसानों को फायदा होगा। किसानों को प्रशिक्षित व्यापारी से सही दवाईयों के साथ ही उचित सलाह मिलेगी जिससे किसानों की आय बढेगी।बुधवार को सम्पन्न हुए इस समारोह में मुख्य अतिथि डा. सर्वेश त्रिपाठी ने बताया कि कृषि आदान विक्रेता पैरा एक्सटेंशन वर्कर के रुप में किसानों के बीच में रहकर उन्नत अनुशंषित कृषि तकनीकी की सलाह पहुंचाने का काम करेंगे।

विशेष अतिथि उपसंचालक कृषि श्रीमती नीलम चौहान द्वारा पैरा एक्सटेंशन वर्कर को नियमानुसार रिकार्ड संधारण करने की सलाह एवं डिप्लोमा कार्यक्रम में सफल होने पर शुभकामनाएं दी गई। परियोजना संचालक आत्मा श्री निर्भयसिंह नर्गेश द्वारा कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री बी.एम. सोलंकी द्वारा आभार व्यक्त किया गया।