मुरैना /आदिवासी अंचल पहाड़गढ़ के धूरकूड़ा गांव में तैयार होने वाला शहद अब पूरे देश में अपनी मिठास घोलेगा। दरअसल मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने धूरकूड़ा गांव के स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किये जा रहे शहद की ब्रांडिग ’’विंध्यावैली’’ के नाम से करने का अनुबंध किया है, इससे समूह को उसके उत्पाद का बेहतर दाम मिलेगा और मुरैना में पैदा होने वाले शहद को एक नई पहचान भी मिलेगी। मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने धूरकूड़ा गांव के सांई कृपा स्व-सहायता समूह के साथ अनुबंध किया है। इसके तहत समूह द्वारा तैयार किये जाने वाले शहद को विंध्यावैली के नाम से पैक्ड कर देशभर की मार्केट में पहुंचाया जायेगा। मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड इस शहद की देशभर में ब्रांडिग करेंगी। जिले में हर साल होता है करोड़ों का शहद उत्पादन जिले में हरसाल करोड़ों रूपये की कीमत का शहद उत्पादन होता है, लेकिन अभी तक किसानों द्वारा पैदा किये जाने वाले शहद औने-पौने दामों में बेच दिया जाता है। यहां बतां दे कि जिले में 50-60 हजार बॉक्स मधुमक्खी पालन के लिये लगाये जाते है। इस कारोबार में 5 हजार से अधिक किसान जुड़े हुये है। शहद की ब्राडिंग के लिये एपीएफओ से जुड़े किसान हर साल तीन टन शहद का उत्पादन करने वाले पांच हजार से अधिक शहद उत्पादक किसान एफपीओ (फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर) से भी जुड़ने की तैयारी में है। किसानों द्वारा तैयार किये जाने वाले शहद को स्वयं के द्वारा ही प्रोसेस करके नाफेड की मदद से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जायेगा, जिससे इनकी आय बढ़ेगी।