झाबुआ l उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की संरक्षित खेती योजना अंतर्गत शेडनेट हाउस में खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। शेडनेट हाउस के भीतर उद्यानिकी फसल लेने से गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त होता है साथ ही कीट एवं रोग का प्रकोंप भी अत्यधिक कम होता है। इसके भीतर पौधे स्वस्थ्य रहते है व प्राकृतिक जोखिम की संभावना भी न के बराबर रहती है। जाहिर है उत्पादन भी अधिक होता है। शेडनेट हाउस स्थापित करनें में 710 रुपये प्रति वर्ग मीटर लागत आती है इसमें से 355 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग अनुदान प्रदाय करता है।

            इसी योजना का लाभ लेकर ग्राम कुण्डीयापाडा, विकासखण्ड-पेटलावद जिला-झाबुआ की कृषक सुगनाबाई पति शांतिलाल पारगी ने पाई आर्थिक सफलता। सुगनाबाई ने बताया की पारंपरिक खेती से उम्मीद के मुताबिक आमदनी नहीं होती थी, फिर एक दिन उनके ग्राम में उद्यान विभाग के विकासखण्ड प्रभारी सुरेश ईनवाती आए और उन्होने हमें शेडनेट हाउस के अंदर उच्चकोटी की खेती करने की सलाह दी व हमें उन कृषकों के खेत पर भ्रमण करवाया जो शेडनेट हाउस के अंदर उच्चकोटी की खेती करतें थे। उन कृषकों से प्रेरित होकर हमनें सोचा की यदि खेती को लाभ का धंधा बनाना है तों यह पारंपरिक खेती को छोडकर शेडनेट हाउस के अंदर उच्चकोटी की खेती करना होगी। फिर हमनें एक एकड का शेडनेट हाउस का निर्माण उद्यान विभाग से अनुदान प्राप्त कर बनवाया जिसमें उद्यान विभाग से एक एकड शेडनेट हाउस में 14,20,000 रुपये का अनुदान मिला। फिर हमनें उसके अंदर शिमला मिर्च की खेती कर उद्यानिकी खेती की ओर कदम बढाया और आज हमारी जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकि है।

           शेडनेट हाउस के अंदर शिमला की खेती में कुल खर्चा 2,14,840 रुपये आए व शिमला मिर्ची को बेचकर कुल 6,68,051 रुपये की आमदनी हुई। इस प्रकार कृषक को अपनी एक एकड जमीन से 4,53,211 रुपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त हुआ। सुगनाबाई मध्यप्रदेश शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं इस योजना ने हमारी जिंदगी संवार दी है। सुगनाबाई की यह सफलता मध्यप्रदेश के अन्य किसानों के लिए भी एक प्रेरणा है।