खंडवा l आयुष मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत मगंलवार को संचालनालय आयुष के निर्देशानुसार तथा कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह के मार्गदर्शन में अटूटखास स्थित ग्राम पंचायत भवन में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला आयुष अधिकारी डॉ. अनिल वर्मा ने बताया कि अटूटखास ग्राम के निवासियों एवं खेती से जुडे़ किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. श्री योगेन्द्र शुक्ला द्वारा जानकारी दी गई।

        कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धन्वतरि का पूजन मार्ल्यापण कर किया गया। कार्यक्रम में अटूटखास ग्राम पचांयत के 52 कृषक बंधु, सरपंच, सचिव व वरिष्ठजन उपस्थित थे। कृषि वैज्ञानिक श्री शुक्ला द्वारा बताया गया कि औषधीय खेती के लिये किसी विशेष जलवायु की आवश्यकता नहीं होती तथा इसकी खेती परंपरागत खेती के समान किसान मूल फसल के साथ दो फसलों के बीच मेड के उपर कर मुनाफा कमा सकते है। औषधीय खेती हेतु ब्लॉक में सहजन या अश्वगंधा की उपज हेतु एफपीओ बनाकर तथा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सभी वर्गाें के किसानों को जोड़ा जा सकता है तथा मार्केट लिकेंज कर किसानों को फायदा दिया जा सकता है। साथ ही जिला आयुष अधिकारी डॉ. अनिल वर्मा ने देवारण्य योजना के अतंर्गत एक जिला एक औषधीय उत्पाद के अतंर्गत सहजन के रोपण, संग्रहण और उसके औषधीय गुणों व कुपोषण में उपयोग के बारे में जानकारी दी और विभाग के अतंर्गत किये जा रहे कार्याें व आयुष ग्राम में किये जा रहे कार्याें के बारे में आमजन को अवगत कराया। इस कार्यशाला में डॉं श्री योगेन्द्र शुक्ला मृदा वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र खंडवा द्वारा एक जिला एक औषधीय उत्पाद में चयनित सहजन की खेती के बारे में विस्त्रत जानकारी दी गई तथा जलवायु अनूसार अन्य औषधीय पौधों जैसे अश्वगंधा, तुलसी, चिया, कलौजीं, के बारे में भी जानकारी का आदान प्रदान किया गया।