मंदसौर l कृषि वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जिले के किसानों के लिये कृषि संबंधित सलाह जारी की गई। सोयाबीन की फसल की पत्तियां सफेद पीली हो रही है अतः इसके समाधान के लिए फेरस की ई. डी. टी. ए 12% की 1 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से एवं घुलनशील सल्फर 80% डब्लू डी.जी. की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर के छिड़काव करें।

मूंगफली एवं सोयाबीन में जड़ सड़न रोग को नियंत्रित करने के लिए प्रोपीकोनार्जाल 25% इसी की 1 मि.ली. मात्रा पूर्व मिश्रित कार्बन्डाजीम+मैंकोजेब की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। सोयाबीन की फसल में हेलील्युर एवं स्पोडोल्युर के फेरोमेन ट्रैप 3 प्रति बीघा की दर से काली एवं हरि इल्ली की निगरानी के लिए खेतों में लगावे। पानी की कमी को देखते हुए खेतों में सोयाबीन की फसल में कुलपा चलाकर नमी को संरक्षित करें।

भिंडी एवं टमाटर की फसल में 3 फेरोमोन ट्रेप प्रति बीघा की दर से लगावे ज्यादा मात्रा में फल छेदक होने पर क्लोरएंट्रानीलीप्रोल 18.5% ई.सी. की या फ्ल्युबन्डीयामाइड 39.5% एस.सी. की की 0.3 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करें। सोयाबीन की फसल में तना मक्खी के नियंत्रण के लिए थाईमिथोक्साजाम 12.60% + लेमड़ा साई हिलोथ्रिन 9.5% की 0.3 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी के दर से घोल बनाकर के छिड़काव करें। सोयाबीन की फसल में सफेद लट का प्रकोप होने पर पूर्व मिश्रित थाईमिथोक्साजाम 0.9% + फिप्रोनील 0.2% प्रतिशत दानेदार की 3 किलो मात्रा या जैविक फफूंदनाशक मेटाराइजम एनिसोप्लेही की 10% दानेदार की 1.5 से 2 किलो ग्राम मात्रा प्रति बीघा की दर से 10 से 12 किलो रेत में मिलाकर के भूरकाव करें।