जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत बिना जुताई मूंग की बुवाई का सफल प्रदर्शन

छिंदवाडा़ कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण पहल की गई, जिसके अंतर्गत चांद में किसान श्री सुशील चौरसिया के खेत पर बिना जुताई और बिना पराली जलाए मूंग की बुवाई का सफल प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन में बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया जबलपुर के विशेषज्ञ डॉ.पंकज कुमार एवं श्री दीपेंद्र सिंह ने तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। भूमिजा के एफपीओ के सीईओ श्री प्रदीप कुमार चौरसिया के साथ अन्य किसान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हैप्पी सीडर और सुपर सीडर जैसी तकनीकों से बुवाई करने से न केवल नरवाई जलाने और जुताई करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, बल्कि इस विधि से बुवाई करने से किसानों की लागत में कमी के साथ ही उनके उत्पादन को भी बढ़ाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह तकनीक मिट्टी के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है।
उन्होंने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे हैप्पी सीडर और सुपर सीडर जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मूंग की बुवाई करें और जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाएं। यह पहल निश्चित रूप से क्षेत्र के किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगी।
ज़िले में ग्रीष्मकालीन मूंग बोनी के कुल क्षेत्र लगभग 18000 हेक्टेयर में से लगभग 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में बिना नरवाई जलाये सुपरसीडर/हैप्पी सीडर से बोनी की गई है, जिसे जिले के किसानों ने बहुत पसंद किया है। इस तकनीक से गेहूं की कटाई के साथ ही उसी दिन उसी खेत में किसान नरवाई का प्रबंधन करते हुये एक बार में ही सीधे मूंग की बोनी कर रहे है।
उन्होंने बताया कि इस जीरो टिलेज तकनीक से समय की बचत, पैसे की बचत, पानी की बचत, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार, पर्यावरण में सुधार और किसान अच्छी उपज प्राप्त कर रहे हैं। कलेक्टर श्री सिंह के नेतृत्व में जिले में पिछले एक वर्ष में किसानों ने उत्कृष्ट कार्य किया है, जिससे जिले में नरवाई जलाने की घटनायें अत्यंत कम हुई है।