नंदनफल उद्यान से कोमल चंद कुशवाहा के जीवन में हुआर सामाजिक स्तर में सुधार

टीकमगढ़ । मनरेगा योजना से नंदनफल उद्यान अंतर्गत निजी फलोद्यान से जतारा विकासखंड की ग्राम पंचायत टानगा निवासी श्री कोमल चंद कुशवाहा के जीवन में सामाजिक स्तर में सुधार हुआ है। सामाजिक जीवन में हितग्राही के पास बगीचा बन जाने से उसकी आय में वृद्धि होने से उसके परिवार में जीवन स्तर में भी सुधार धीरे-धीरे हो रहा है। निकट भविष्य में हितग्राही के खेत में फलउद्यान में फलों की आवक अधिक होने पर हितग्राही का जीवन निश्चित रूप से सफल होगा एवं पर्यावरण की दृष्टि से भी पर्यावरण संतुलन में लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि श्री कोमल चंद कुशवाहा द्वारा ग्राम पंचायत में वर्ष 2020-21 में शासन की योजना अंतर्गत मनरेगा योजना से निजीफलोद्यान कार्य करने हेतु आवेदन दिया गया, उन्होंने ग्राम सभा की बैठक में बताया ऐसा कि मैं अपनी जमीन पर फलदार पौधे लगाना चाहता हूं, मेरे पास सिंचाई का साधन कूप है परंतु भूमि बंजर है, उजाड़ है, खेती के काम की नहीं है, मैं इतनी अधिक लागत लगाकर खेत को समतल इत्यादि नहीं कर सकता हूं, काली मिट्टी नहीं डलवा सकता हूं। मेरी आर्थिक स्थिति इस योग्य नहीं है कि मैं उस भूमि पर खेती कर सकूं अतः मेरे खेत पर आप नंदनफल उद्यान कार्य करवा दीजिये, इससे मुझे रोजगार भी मिलेगा, मेरे और मेरे परिवार का भरण पोषण होगा।
श्री कोमल चंद कुशवाहा के आवेदन पर कार्य को तुरंत स्वीकृत कराया गया एवं हितग्राही द्वारा निजीफल उद्यान अंतर्गत फलदार पौधे लगाये जाने का कार्य लिया गया। हितग्राही द्वारा बहुत ही मेहनत करके फलोद्यान कार्य 3 वर्ष में सफल हो इस के लिए हितग्राही ने समय-समय पर खेत पर रहकर ही झोपड़ी इत्यादि बनाकर पौधों को सुरक्षित किया एवं बीच में खाली पड़ी हुई जमीन का भी उपयोग किया गया जिसमें उन्होंने पालतू जानवरों के उपयोग हेतु घास इंतेममद आदि लगाई गई।
श्री कोमल द्वारा मनरेगा अंतर्गत भी जो कार्य नंदनफल उद्यान अंतर्गत किया गया उसकी मजदूरी उनके ही खाते में दिलाई गई, सबसे अधिक चुनौती ग्रीष्मकाल में पौधों की सुरक्षा में आई एवं जानवरों से बचाने हेतु पौधों की सुरक्षा एक गंभीर समस्या रही, जिसे हितग्राही के स्वयं के व्यय से फेंसिंग इत्यादि का कार्य कराया गया। आज वर्तमान में हितग्राही की भूमि पर लगभग समस्त पौधे जिसमें आम, नींबू, अमरूद, अनार इत्यादि सभी पौधे उपलब्ध है, इसमें जो जल्दी फल देने वृक्ष वाले हैं जैसे अमरुद, नींबू इत्यादि का उत्पादन भी होने लगा है। निकट भविष्य में हितग्राही के खेत में फलउद्यान में फलों की आवक अधिक होने पर हितग्राही का जीवन निश्चित रूप से सफल होगा।