सिवनी के ग्राम एरपा के कृषक दुलीचंद सनोडिया द्वारा डिकम्पोजर का उपयोग कर नरवाई का बेहतर प्रबंधन किया है। साथ ही साथ नरवाई से खाद बनाकर अपनी कृषि आय को भी बढ़ाया है। कृषक श्री सनोडिया बताते हैं कि उनके द्वारा खेत में नरवाई नही जलाई जाती बल्कि डिकम्पोजर का उपयोग कर के नरवाई को  खाद के रूप में बदल देते हैं। जिसका उपयोग उनके द्वारा आगामी फसलों में किया गया। इसके साथ ही उन्होंने डिकम्पोजर का प्रयोग बीज उपचार  एवं खड़ी फसल में पर्णीय छिड़काव में भी किया है। जिससे उन्हें फसल में अच्छा लाभ मिला तथा गेंहू फसल में प्रति एकड़ 19 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त हुआ।       ऐसा ही उदाहरण सिवनी विकासखण्ड के ग्राम पीपरडाही के कृषक अर्जुन पंचेश्वर द्वारा भी प्रस्तुत किया गया है। कृषक अर्जुन पंचेश्वर द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा खेत में नरवाई नही जलाई जाती बल्कि डिकम्पोजर का प्रयोग कर के नरवाई को खाद के रूप में बदल देते हैं। कृषक श्री अर्जुन पंचेश्वर बताया कि डिकम्पोजर खाद के उपयोग से उन्हें इसका लाभ आगामी फसल में होता हैं, उनके द्वारा 1 एकड़ में 3 से 4 फसल जिसमे मक्का , स्वीट कॉर्न, गोभी, लौकी आदि शामिल हैं। नरवाई के डिकम्पोजर के माध्यम से प्रबंधन से कृषक श्री पंचेश्वर न केवल आय बढ़ी है साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी हुआ हैं।