नरवाई प्रबंधन पर जागरूकता शिविर का आयोजन संपन्न

दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देशन पर जिले में नरवाई प्रबंधन का प्रशिक्षण एवं मशीनों का प्रदर्शन लगातार किया जा रहा है, नरवाई जलाने की प्रथा को हतोत्साहित करने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे है। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट दमोह के द्वारा जारी दण्डप्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी किया गया हैं। नरवाई प्रबंधन एवं प्रशिक्षण आयोजित होने से किसान वर्ग में जागरूकता आई है और भूसा बनाने की ओर अग्रसर हो रहे है।
सहायक संचालक कृषि एस.एल. कुर्मी ने बताया शिविरों का आयोजन लगातार प्रत्येक विकासखण्ड में किया जा रहा है। यह शिविर दमोह विकासखण्ड से प्रारंभ किये गये थे। आज छठवें शिविर का आयोजन जबेरा विकासखण्ड के ग्राम सिग्रामपुर में किया गया, जिसमें कृषकों को नरवाई प्रबंधन का प्रशिक्षण एवं मशीनों का प्रदर्शन किया गया। शिविरों मे कृषकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा नरवाई जलाने की प्रथा को हतोत्साहित करने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे है।
उन्होने बताया नरवाई जलाने वाले स्थल एवं नरवाई न जलाने वाले स्थल के पृथक-पृथक सेम्पल लिये गये जिनके परीक्षण में पाया गया नरवाई जलाने वाले स्थल से नरवाई न जलाये जाने वाले स्थल की मिट्टी में पोषक तत्व अधिक पाये गये। इससे स्पष्ट हुआ है कि यदि हम नरवाई में आग लगाते है तो भूमि की उर्वरा शक्ति एवं पोषक तत्वों को हानि होती है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ बी.एल. साहू ने बताया कृषक बंधु फसल अवशेष/नरवाई को खेत में जला देते हैं जिससे मृदा में उपस्थित लाभदायक सूक्ष्म पोषक तत्व एवं जैविक कार्बन जल कर नष्ट हो जाता है, जिससे मृदा सख्त एवं कठोर तथा बंजर हो जाती है तथा फसलों में विभिन्न प्रकार के रोग, कीट एवं बीमारियो एवं खरपतवारों की समस्या दिन प्रति दिन बढ़ती जाती है। जिससे फसलोत्पादन में कमी एवं लगातार जल स्तर मे गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने कृषक बंधुओं से कहा नरवाई में आग न लगाये उसके स्थान पर वैकल्पिक विधियां जैसे- बंडल बनाना, स्ट्रारीपर से भूसा बनना, जैविक खाद बनाना एवं फसल अवशेष का उपयोग अच्छादन के रूप में किया जा सकता है।
सहायक संचालक कृषि ने कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट दमोह के द्वारा जारी दण्डप्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के बारे में कृषकों को बताया । उन्होंने कहा यदि कृषक बंधु नरवाई या फसल अवशेष जलाते है तो निर्देशों का उल्लंघन किये जाने पर व्यक्ति/निकाय को नेाटिफिकेशन प्रावधानानुसार पर्यावरण क्षति पूर्ति राशि देनी होगी।
कार्यक्रम में सुश्री शहला नाज कुरैशी कृषि अभियांत्रिकी ने ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से अनुदान पर कृषि यंत्र खरीदने की जानकारी दी। उन्होंने बताया नरवाई प्रबंधन के लिये विभिन्न कृषि यंत्रों जैसे प्लाऊ, हेप्पी् सीडर, स्ट्रा रीपर, श्रेडर, बेलर, रीपर कम बाईंडर, सुपर सीडर एवं जीरो टिलेज सीड ड्रिल पद्धति का उपयोग कर नरवाई को बिना जलाये प्रबंधन किया जा सकता है। शिविर में कस्टम हायरिंग योजना के बारे में जानकारी दी गई। श्री दीपक शुक्ला ने नरवाई प्रबंधन मशीनों की तकनीकी जानकारी तथा प्रदर्शन कराया गया।
वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी पटेरा एम.एल. गहरवार ने किसानों को एम.पी. किसान एप पर पंजीयन के बारे में अवगत कराया । कृषकों ने नरवाई न जलाने की शपथ ली। इस अवसर पर नरवाई प्रबंधन हेतु अत्याधुनिक मशीनों (चौपर, रेकर एवं बेलर) के द्वारा नरवाई के बंडल बनाने का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से बी.टी.एम. (आत्मा ) श्री संजय रोहित, श्री संजय उपाध्याय (कृषि अभियांत्रिकी), समस्त कृषि विस्तार अधिकारी जबेरा, नीति आयोग आईटीसी मिशन सुनहरा कल टीम के साथ-साथ कृषकों की उपस्थिति रही।
नरवाई को अपनी आय का साधन बनायें-कलेक्टर श्री कोचर
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा नरवाई जलाने की व्यवस्था को हतोत्साहित करने के लिए जिले में एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस पर दो तरीके से काम किया जा रहा है पहले जिन्होंने नरवाई जलाई है, उनके खिलाफ जुर्माना किया जा रहा है और दूसरी तरफ किसान आगे नरवाई ना जलाएं इसके लिए लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन शामिल हो रहे हैं और अपनी आंखों के सामने मशीनों के माध्यम से देख रहे हैं की किस प्रकार से नरवाई का भूसा बना करके बेचा जा सकता है और आमदनी प्राप्त की जा सकती हैं।
उन्होंने कहा पिछले कुछ समय में नरवाई जलाने में कमी आई है। किसान भाई जागरूक हुए हैं और वह आगे नरवाई को अपनी आय का साधन बनाए इस पर लगातार काम किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा यदि किसी को कहीं पर भी नरवाई जलाने की सूचना मिलती है तो बताएं कार्रवाई की जायेगी।