सीहोर l फलदार पौध आमअमरूदआंवलानींबूबेरपपीता आदि के लिए अगस्त माह उपयुक्त समय है। वर्षा प्रारंभ से पूर्व गोबर की खाद 15-20 किग्रासुपर फॉस्फेट ग्राम व क्लोरपाइरीफॉस 50 ग्राम व नीम की खली 1 किग्रा प्रति गडढा में मिलाकर भर दें।

      कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि नवीनतम उपयुक्त किस्म चुनें. आम दशहरीलंग आम्रपालीहापुसकेसरचौंसा। आंवला- एनए-7एनए-8चकै कृष्णाकंचन। अमरूद - एल-49इलाहवादी सफेदाचित्तीत व्ही. एन. आर.- 7अनार- भगवागणेशसिंदूरी। बेर- गोलाउमरा नींबू- कागजी लाईमसाई सरबती। संतरा- नागपुरी सन्तराकि सीताफल- अर्काष्यानबालानगर। रोपाई और सुरक्षा फलदारपौध हमेशा शाम के समय रोपेंउसके बाद हल्की सिंचाई करें।खेत के चारों ओर कंटी तार की वाड़ लगाएं। अथवा कंटीली झाड़िय करौंदानिगुर्णीमेहंदीनागफनी आदि चारदीवारी लगाएं। फलदार पौध लगाने के प बगीचे के उत्तर-पश्चिम में लम्बे व शीध्र बढ़ने वाले वायुरोधक वृक्ष शीशमजामु बेललडोसाशहतूतखिरनीइमलीकरौ आदि लगाएं।

      कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि कतार से कतार की दूरी और सिंचाई.. फलदार पौध में आम को 10 गुणा 10 या गुणा 8 आंवला 8 गुणा 8नींबू 5 गुणा अमरूद 8 गुणा 8करौंदा 4 गुणा 4 मीट की दूरी पर लगाएं। फलदार पौधों को शुरू के 2 महीने तक पानी क ज्यादा जरूरत नहीं होती है। सर्दी के मौसम में 10-से 15 दिन के अंतरा पर एवं गर्मी के मौसम में 5-8 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। प्रो-ट्रे तकनीक से सब्जी पौध उत्पादन सब्जियों में टमाटर भटामिर्चबैंगन आदि की पौध तैयार करने के लिए प्रो-ट्रे का उपयोग करें। प्रो-ट्रे में बीजों का जमाव व अंकुरण अच्छा होता है एवं पौध की बढ़वार भी अच्छी होती है। प्रो-ट्रे के लिए कोकोपिटवर्मी कुलाइटवर्मीकम्पोस्टबालू इत्यादि का बीजो को लगाने के लिए प्रयोग किया। इस प्रकार एक प्रो-ट्रे का 4-5 बार प्रयोग किया जा सकता है। पशुओं में टीकाकरण गायभैंस व बकरी में खुरपका एवं मुंहपका रोग से बचाव के लिए पोलीवेलेंट सेलकल्चर वैक्सीन मार्च या अक्टूबर-नवम्बर माह में लगवाएं। गाय व भैंस में गलाधोंटू या रोगा से बचाव के लिए एचएस एडजुवैंड टीका मई-जून में लगवाएं गौंवश में लंगडी रोग से बचाव के लिए क्लैक कवार्टर टीका मार्च-अप्रैल में लगवाएं।