कृषि विकास योजना के अनुसार रकबा और उत्पादन बढ़ाने पर जोर

भोपाल l कृषि उत्पादन आयुक्त नेआज रबी 2022-23 की समीक्षा और खरीफ 2023 की तैयारी बैठक में कलेक्टर्स और उत्पादन गतिविधियों से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे पूर्व के अनुभव के आधार पर अपने अपने जिलों की कृषि विकास योजना को एक जून से लागू करें । वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को सम्पन्न हुई एपीसी बैठक की अध्यक्षता कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती वीरा राणा ने की ।
बैठक में किसान कल्याण विभाग के एसीएस श्री अशोक वर्णवाल, उद्यानिकी विभाग के एसीएस श्री जे.एन.कंसोटिया, मत्स्य पालन विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री गुलशन बामरा, सहकारिता आयुक्त श्री आलोक सिंह, कृषि आयुक्त श्री एम शैलवेंद्रम सहित भोपाल संभाग आयुक्त श्री मालसिंह, नर्मदापुरम के संभागायुक्त श्री श्रीमन शुक्ला सहित सभी जिलों के कलेक्टर और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे ।
श्रीमती राणा ने जिलों की कृषि विकास योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि धान उत्पादक जिलों में पूसा धान और सोयाबीन, उड़द के नए बीज का व्यापक रूप से बुआई में उपयोग करने पर ध्यान केन्द्रित करें । उन्होंने कृषि में नैनो यूरिया के प्रयोग का अध्ययन करने के लिए भी कहा और कृषि में ड्रोन सहित नवीन तकनीक को उपयोग करने के निर्देश दिए । उन्होंने मिलेट यानि मोटे अनाज और प्राकृतिक तथा जैविक खेती को अपनाने के लिए कृषकों के बीच कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश दिए ।
बैठक में जिलों की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाली समस्याओं का निराकरण भी किया गया । बैठक में नए बीजों को प्रोत्साहन करने के लिए विशेष अभियान चलाने पर भी सहमति बनी । इस दौरान बताया गया कि सभी जिलों में बीज का पर्याप्त भंडारण है और ऐसे कृषक जो बीज उत्पादक हैं उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाए । धान की नरवाई के निराकरण के लिए आई मशीनों को कस्टम हायर सेंटर पर उपलब्ध करवाने के लिए भी कलेक्टर्स से अपेक्षा की गई है ।
बैठक में कृषि उपज मंडियों के कार्यकलापों की भी समीक्षा हुई । मिट्टी परीक्षण की प्रयोगशालाओं को ब्लाकस्तर पर और सशक्त तथा उपचार विधि को परीक्षण से जोड़ने के लिए स्थानीय युवाओं को संचालन सौंपने पर भी बैठक में विचार विमर्श हुआ । सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना में अब तक जमा किए गए आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए गए । इस दौरान किसानों को कृषि फसल ऋण वितरण में शत-प्रतिशत उपलब्धि अर्जित करने के लिए कहा गया है । एसीएस श्री कंसोटिया ने निर्देश दिए कि सहकारी समितियों का अभियान चलाकर विस्तार किया जाए और समितियों को अन्य लाभप्रद गतिविधियों से भी जोड़ा जाए ।
उन्होंने नई सहकारी समितियों के गठन पर भी जोर दिया । उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने लक्ष्यों की पूर्ति पर संतोष व्यक्त किया । कलेक्टर्स से कहा गया है कि वे उद्यानिकी फसलों पर आधारित प्रोसेसिंग प्लांट लगाने पर विशेष ध्यान दें । बैठक में अब तक फुड प्रोसेसिंग पार्क पर चल रहे कार्य को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए । कलेक्टर्स से कहा गया है कि वे नरेगा के मद से नर्सरियों की फेंसिंग और मरम्मत कार्य के साथ ही खेत-तालाब आदि का भी निर्माण करवाएं । कलेक्टर्स से कहा गया है कि उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा समय देकर रकबा और उत्पादन बढ़ाकर बाजार उपलब्ध कराने के भी प्रयास किए जाएं ।
बैठक में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विटनरी विभाग की गतिविधियों को व्यापक बनाने पर बल दिया गया । इस दौरान गौशालाओं के संचालन और निर्माण की भी समीक्षा की गई । जिन गौशालाओं में बिजली और पानी उपलब्ध नहीं है, वहां तत्काल इस दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए गए ।
बैठक में मत्स्य संपदा योजना के साथ पशुपालकों तथा मत्स्य उत्पादकों को शत प्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए । बैठक में तालाबों को मत्स्य पालन के लिए दिए जाने के कार्य की भी समीक्षा की गई ।
कलेक्टर्स से कहा गया है कि वे कृषि विकास प्लान को एक जून से लागू करें । बैठक में सभी जिलों द्वारा खरीफ फसल के लिए रकबा बढ़ाने और बीज खाद की उपलब्धता पर भी जोर दिया गया ।