रतलाम / किसान भाई मानूसन के आगमन पश्चात कल्टीवेटर एवं पाटाचलाकर खेत को बोवनी योग्य तैयार करें। सोयाबीन की बोवनी के लिये उपयुक्त समय मानूसन के आगमन के पश्चात न्यूनतम 100 मि.ली. (4 इंच) वर्षा होने पर ही सोयाबीन की बोवनी करें जिससे उगी हुई फसल को सूखा, कम नमी के कारण किसी प्रकार का कोई नुकसान नही हो। सोयाबीन की 02-03 नोटिफाईड किस्मों का चयन कर बीज की व्यवस्था कर लेवें।उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने किसानों को सलाह दी जाती है कि सोयाबीन बोवनी 45 से.मी. कतारो में करें, बीज की गहराई 02-03 से.मी. की गहराई पर बोनी करें पौधे से पौधे की दूरी 05-10 से.मी. रखे। सोयाबीन का बीज दर 60-70 कि.ग्रा./हेक्टेयर की दर से उपयोग करें ।

सोयाबीन फसल के लिये संतुलित मात्रा में उर्वरकों (खाद) का उपयोग करना चाहिये (25:60:40: कि.ग्रा./हेक्टेयर) नाईट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व सल्फर) की पूर्ति केवल बोवनी के समय करें।विगत कुछ वर्षों में फसल मे सूखा, अतिवृष्टि या असामयिक वर्षा जैसी घटनायें देखी जा रही है। ऐसी विपरीत परिस्थ्तियों में फसल को बचाने हेतु किसान भाई सोयाबीन बोवनी के लिये चौडी क्यारी पद्धति या रिजफरो पद्धति का चयन कर सोयाबीन फसल की बोवनी करे। सोयाबीन बीज को फफूंदनाशक कीटनाशक एवं राईजोबियम से बीज को उपचारित कर बोनी करें ।