किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के तत्वाधान में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत स्टीविया की खेती पर दो दिवासीय कार्यशाला गुरुवार को सम्पन्न हुई । प्रोजेक्ट फॉर इंक्रीजिंग ऐंड वैल्यू एडिशन फार स्टीविया नाम से जबलपुर के लिये यह अभिनव प्रयोग है । कार्यशाला का प्रथम सत्र जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के हर्बल गार्डन सभागार में आयोजित किया। कृषि कॉलेज के प्राध्यापक डॉक्टर ज्ञानेंद्र तिवारी ने स्टीविया का औषधीय उपयोग, महत्व एवं उत्पादन तकनीक पर कार्यशाला में भाग लेने वाले कृषि विभाग के अधिकारियों एवं क्षेत्रीय कृषकों को विस्तार से जानकारी दी ।

डॉ ज्ञानेंद्र तिवारी ने स्टीविया फसल प्रबंधन हेतु स्थानीय स्तर पर प्राप्त सभी तकनीक के समावेश से उच्च फसल उत्पादन लेने की संभावनाओं के बारे में बताया । सहायक संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग अमित पांडे ने कृषकों को इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत दी जाने वाले अनुदान की जानकारी देते हुए बताया कि प्रति हेक्टेयर प्रदर्शन पर लगभग 9 हजार रुपये की राशि का अनुदान कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यशाला के दूसरे दिन सभी प्रतिभागियों को अगद्यति हर्बल कृषि फार्म खमरिया का भ्रमण कराया । इस हर्बल फार्म के संचालक अंबिका पटेल ने स्टीविया फसल बोने के लिए नर्सरी डालने के तरीके को समझाते हुए स्टीविया का प्रसंस्करण एवं वैल्यू एडिशन के बारे में भी बताया ।

जबलपुर l हर्बल फार्म के शुभम पटेल ने जानकारी देते हुए कहा स्टीविया पाउडर की पूरे विश्व में बहुत ज्यादा मांग है और यदि जबलपुर क्षेत्र के कृषक इसकी पैदावार लेते हैं तो स्टीविया के विपणन के लिए उनका संस्थान सहयोग करेगा । कार्यशाला में कृषि विभाग से रजनीश दुबे, मनोज चक्रवेश, जवाहर सोनी, डी एस बृछालिया, एस डी गुप्ता, जागृति साहू, मोनिका झा सहित 40 अधिकारियों एवं लगभग 80 कृषकों ने भागीदारी की ।