तिलहन मिशन के अंतर्गत ककरेहटा में की गई तिल की बोनी
जबलपुर जिले में तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय तिलहन मिशन के अंतर्गत 100 हेक्टेयर में तिल की फसल लेने के निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक आज बुधवार को विकासखण्ड पाटन के ग्राम ककरेहटा कटंगी में कृषक सुरेंद्र चंदेल के खेत मे तिल की बोनी की गई । इस मौके पर अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्रीकांत यादव भी मौजूद थे ।
अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन ने बताया कि ग्रीष्मकाल में नगद बीज वितरण हेतु तिल का टीकेजी-308 बीज मंगवाया गया है । यह किस्म 80 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती है एवं प्रति हेक्टेयर 8-10 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होता है । साथ ही यह तना एवं जड़ रोग के प्रति सहनशील है । उन्होंने बताया कि तिल की बोनी ऐसे खेत में की जाती जहाँ जल भराव न होता हो । खेत को अच्छी प्रकार से तैयार कर 5 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर बीज को 30 गुना 15 सेंटीमीटर की दूरी पर बोनी 2 सेंटीमीटर गहराई पर की जाती है। तिल में सिंचाई हेतु पानी भी कम लगता है । फूल आते समय एवं फलियों में दाना भरते समय सिंचाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जे.पी. त्रिपाठी ने बताया कि तिल के बीज को चीटियाँ खाती है। इसलिए बीज को फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत जी आर कीट नाशक दवा से उपचारित कर बोनी कराई गई।