उज्जैन । महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2025 अंतर्गत आयोजित पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव (आईएफएफएएस) का शुभारंभ आज सुबह 11:00 बजे पं. सूर्यनारायण व्यास ) संकुल, कालिदास अकादमी में होगा। कार्यक्रम का उद्घाटन दक्षिण अफ्रीकी उच्चायोग की राजनयिक श्रीमती रामसेला एवलिन, फिजी गणराज्य के उच्च आयोग के उच्चायुक्त एच.ई. श्री जगन्नाथ सामल, नेपाल दूतावास के डिप्लोमेट श्री रवींद्र जंग थापा एवं सचिव श्री दीपक राज निरौला तथा लेसोथो उच्च आयोग की राजनयिक श्रीमती बोहलोकिमोरोजेल करेंगी।

      महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि पौराणिक फिल्मों पर केन्द्रित यह महोत्सव युगावतार श्रीकृष्ण पर केन्द्रित किया गया है। इसमें रूस, फ्रांस सहित न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, फिजी, मंगोलिया, चेक गणराज्य, लिसोथो, हंगरी, वेनेजुएला, आइवरी कोस्ट, क्यूबा, माल्टाज, साइप्रस, चाड, सूरीनाम, नेपाल एवं नाइजीरिया के राजदूत एवं प्रतिनिधि अपनी संस्कृति को हमारे साथ साझा करेंगे। महोत्सव में भारतीय फिल्मों सहित दक्षिण अमरीका, अफ्रीकी एवं यूरोपीय देशों की पौराणिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, वैदिक ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति पर आधारित फिल्मों को प्रदर्शित की जायेगी। प्रतिदिन फिल्मों का प्रदर्शन सुबह 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक होगा।

आज होगा इन 9 फिल्मों का प्रदर्शन

महोत्सव के पहले दिन 9 फिल्मों का प्रदर्शन होगा जिसमें भारतीय भाषाओं में 'गोपाल कृष्ण (1938)', 'कालिया मार्दन(1919), 'श्रीकृष्ण विजयन (तेलगू), 'महावीर कृष्णा (बंगाली)', 'भगवान श्रीकृष्ण (गुजराती)', 'कृष्णा गोविंदा (ओडिया)' व 'श्रीकृष्ण गरादी (कन्नड़)' आदि शामिल है। जबकि विदेशी भाषाओं में वेनेजुएला की 'ऑपरेशन ऑरिन' एवं लिसोथो की 'अफ्रीका यू डोंट सी ऑन टीवी' है। विदेशी फिल्में इंग्लिश सबटाइटल वर्जन के साथ दिखाई जायेगी।