इंग्लैंड l मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यूके दौरे के समापन पर कहा है कि इंग्लैंड का दौरा हमारे लिए कई अर्थों में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। सभी प्रकार के अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश आए। आज बदलते दौर में मध्यप्रदेश में जो संभावनाएं हैं, उनको देखते हुये बड़े पैमाने पर नए निवेशकों ने रुचि दिखाई है, मुझे इस बात का संतोष है कि हमें 60 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुये हैं। इसमें सभी प्रकार के सेक्टर जैसे चिकित्सा, उद्योग, माइनिंग और सर्विस सेक्टर शामिल है। एग्रीकल्चर में भी लोगों ने रुचि दिखाई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वार्विक मैन्युफेक्चरिंग ग्रुप के भ्रमण में कहा कि विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों द्वारा किए जाने वाले शोध और अध्ययन की सार्थकता तभी है, जब वे समाज हित में हों। विश्व के कई देशों में शिक्षा के क्षेत्र में इस दिशा में पहल हो रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी नई शिक्षा नीति के माध्यम से इस ओर कदम बढ़ाए हैं। आने वाली चुनौतियों का सामना करने में विद्यार्थियों को सक्षम और समर्थ बनाना वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की प्राथमिक आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को लंदन की वार्विक यूनिवर्सिटी पहुंचे और विशेष-विशेषज्ञों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह भट्टाचार्य जी के द्वारा स्थापित किया हुआ कैम्पस है, इसमें 30 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। यहाँ रिसर्च की मूल कल्पना है कि रिसर्च के साथ में इनोवशन भी करें, जिसका लाभ उद्योगों के साथ समाज को भी मिले। इससे हम बदलते दौर में स्वयं के विकास के साथ मानवता की सेवा भी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऑटोमोटिव क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कार्य जारी है, अभी भी अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि संभावनाएँ तलाशी जायेंगी कि मध्यप्रदेश के युवा यूके के वार्विक मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप में आकर दक्षता अर्जित करें और ग्रुप के विशेषज्ञ भी मध्यप्रदेश आकर प्रशिक्षण उपलब्ध कराएं। साथ ही विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से डबल्यूएमपी ग्रुप को संबद्ध करने की दिशा में भी पहल होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यूके में वे अपने देश के अन्य प्रदेश के साथ मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों से भी मिले। उनसे आत्मीय संवाद हुआ। इस कैम्पस में पूरी दुनिया से विद्यार्थी पढ़ने के लिये आ रहे हैं। इस मॉडल को हम मध्यप्रदेश में भी लागू कर सकते हैं। इसके लिये यहाँ के विश्वविद्यालयों का मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू करायें। हम प्रयास करेंगे कि हमारे इंडस्ट्री के कैम्पस में भी ऐसे रिसर्च सेन्टर बने, जिनका लाभ सभी को मिले।