अब मिलने लगी है शुद्ध एवं स्वादिष्ट हरी-भरी सब्जियाँ
बुरहानपुर l स्वस्थ्य व्यक्ति ही अपने जीवन का सही आनंद ले सकता है। स्वस्थ्य शरीर के लिए पोषक तत्व अति महत्वपूर्ण है और यह सब हमारे रोजमर्रा के खान-पान पर निर्भर करता है। हम जिस तरह के उत्पाद खाते है उसी के अनुसार हमारा मानसिक और शारीरिक विकास होता है। आधुनिक युग में जहां सब्जियों के उत्पादन में कई तरह के रसायनों का उपयोग देखने में आ रहा है जो मानव जीवन पर असर करता है। क्यों ना हम अपने घर की छत की खाली जगह पर हरी-भरी सब्जियां उगाकर उसका इस्तेमाल करें। इससे ना कि हमारी जरूरतें ही पूरी होगी बल्कि हमें शुद्ध एवं पौष्टिक सब्जियांँ भी मिल सकेंगी। ऐसा ही विचार इंदिरा कॉलोनी निवासी श्रीमती रिंकु सिंह को आया। वे स्वयं अपने छत पर लगाई गई सब्जियों की देखभाल करती है। उन्होंने बताया कि, इस काम में उन्हें सिर्फ बीज लाने का खर्चा होता है। जैविक खाद का इस्तेमाल कर वे सब्जियां उगाती है। श्रीमती रिंकु सिंह कहती है कि, इस कार्य का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें स्वादिष्ट एवं शुद्ध ताजी-ताजी सब्जियांँ उनके घर पर ही मिलती है। जिससे उन्हें स्वास्थ्य लाभ होता है। वे जब अपने आसपास के लोगों को भी सब्जियांँ देती है तो उनके पड़ोसियों को भी इस कार्य से प्रेरणा मिलती है। वे कहती है कि मुझे पिछले डेढ़ साल से सब्जियांँ मार्केट से नहीं लानी पड़ी। भिंडी, बैंगन, टमाटर, गिलकी, मिर्ची, तुरई, करेला, बरबटी इत्यादि सब्जियांँ सीजन के अनुसार उगाई जाती है। इन सब्जियांें में जैविक खाद का उपयोग होने से यह खाने में पौष्टिक एवं स्वादिष्ट होती है और मुझे मार्केट से महंगी सब्जियाँ लाने से निजाद भी मिली है। श्रीमती रिंकु सिंह ने बताया कि उद्यानीकी विभाग के माध्यम से सब्जियों को उगाने का समय, रोप तैयार करना, सब्जियांें को बीमारियों से बचाना आदि के संबंध में मार्गदर्शन दिया जाता है। श्रीमती रिंकु सिंह के पति डॉ.भूपेन्द्र सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र सांडसकला में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक के रूप में कार्य करते है, जो उन्हें समय-समय पर गाईड करते है। उद्यानीकी विभाग द्वारा आव्हान किया गया है कि, आप अपने घर की छत पर विभिन्न तरह के गमलो एवं क्यारियों में जैविक तरीके से बिना कैमिकल का उपयोग किये सब्जी उत्पादन अपने घर में ही कर सकते है।