एक मुलाकात विहिप के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष के एल शर्मा के साथ
भोपाल l विश्व हिंदू परिषद के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष के एल शर्मा एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं जो समाजसेवी के रूप में राजधानी में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं l सहज - सरल होते हुए भी के एल शर्मा अपने वेबाक बयानों के लिए भी जाने जाते हैं l उनका मानना है कि भारत युद्ध का नहीं बल्कि बुद्ध का देश है और हम शांति के मार्ग पर चलकर विश्व के कल्याण की कामना करते हैं लेकिन आवश्यकता पड़ने पर शस्त्र उठाना भी जानते हैं इंडिया टीवी 18 ने विश्व हिंदू परिषद के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष के एल शर्मा से लंबी चर्चा की प्रस्तुत है उस साक्षात्कार के मुख्य अंश..सवाल- किसी आतंकी के मरने पर भी मानव अधिकारों के उल्लंघन के नाम पर हल्ला मचाने वाले,छाती पीटने वाले आखिर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों पर चुप क्यों रहे ..? जबाव - देश में एक विचारधारा विशेष के लोगों ने यह मन बना रखा है कि जब हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं या उनकी हत्याएं होती हैं तो वे चुप्पी साध लेते हैं और यदि किसी अल्पसंख्यक के ऊपर हमले या मारपीट होती है तो वह हल्ला मचाना शुरू कर देते हैं यह सोची समझी साजिश का हिस्सा है l सवाल - तेजी से बदल रही डेमोग्राफी से डेमोक्रेसी में भविष्य में होने वाले परिवर्तन से हिंदुओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा l जबाव - हिंदू राष्ट्र भक्त है ,वह देश से प्रेम करता है l परिवार नियोजन की बात जब आई तो हिंदुओं ने उसे अडॉप्ट किया, वह हिंदुओं के साथ एक धोखा था हम दो हमारे दो के चक्कर में हिंदुओं की संख्या कम होती गई ,कई प्रदेशों में अब हम अल्पसंख्यक हो गए हैं और इसी वजह से हमें वहां से पलायन करना पड़ रहा है l सवाल - यदि हिंदू बहुसंख्यक होने के बावजूद भी हिंदुस्तान में ही सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है तो इसके पीछे कारण क्या है l जबाव - हिंदू शुरू से ही धर्म को सर्वोपरि मानता है इसलिए वह अहिंसा में विश्वास करता है l एक छोटी सी चींटी के मर जाने पर भी उसे आत्मग्लानी हो जाती है l हिंदू अहिंसक है जिस दिन हिंदू शस्त्र उठाएगा उस दिन वह वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप की याद दिला देगा l सवाल - विश्व हिंदू परिषद में अब वह आक्रामकता दिखाई नहीं देती जो 80 से 90 के दशक में दिखाई देती थी l जबाव - विश्व हिंदू परिषद का मुख्य कार्य समाज सेवा और धर्म की रक्षा करना है l वह काम हम लगातार कर रहे हैं l इन 60 वर्षों में हमारा परिवार बहुत बड़ा हो चुका है l तहसील से लेकर गांव - गांव तक हमारी उपस्थिति है ,हमारे लिए सेवा ही परम धर्म है l हम सामाजिक समरसता की दिशा में तेजी से कम कर रहे हैं l मुगल काल में समाज में छुआछूत की विकृति आई थी जिसे हम दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं l और रही आक्रमकता की बात तो वक्त आने पर वह भी दिखा देंगें l सवाल - विश्व हिंदू परिषद के दृष्टिकोण से देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है और उस चुनौती का निदान क्या है l जबाव - हम सामाजिक समरसता की दिशा में निरंतर काम करके समाज को एकजुट करने का काम कर रहे हैं यदि हिंदू समाज में ना बटकर एक हो जाएगा तो हिंदू हर बड़ी से बड़ी चुनौती का आसानी से मुकाबला कर लेगा l हर चुनौती का निदान सामाजिक समरसता ही है, सामाजिक एकता में ही हिंदू समाज का कल्याण है, सुरक्षा है l सवाल - गणेश उत्सव के दौरान देश में कई जगह पत्थरबाजी की घटनाएं हुई इसको लेकर आप क्या कहना चाहेंगे l जबाव - विकृत मानसिकता के कुछ लोग देश में अशांति फैलाना चाहते हैं जिनका इलाज सरकार और समाज भी कर रही है यदि यही हाल रहा तो योगी मॉडल पूरे देश में लागू हो जाना चाहिए l ऐसी मानसिकता को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए l सवाल - विश्व हिंदू परिषद ने अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण किए हैं इन 60 वर्षों की उपलब्धि आखिर क्या है ? lजबाव - हम समाज में संस्कृति और संस्कार को जीवित रखने का काम कर रहे हैं l हमारे लिए धर्म की रक्षा सर्वोपरि है , 60 वर्षों में हम सनातन धर्म से छुआछूत को मिटाने का काम कर रहे हैं और इसमें हम काफी हद तक सफल भी हुए हैं l थोड़ा बहुत काम बाकी है जो आने वाले समय में पूरा हो जाएगा यदि हिंदू संगठित और शक्तिशाली होगा तभी देश सशक्त होगा l सवाल - कुछ राजनैतिक दलों के नेता जातिगत जनगणना की बात करते हैं और सुबह से शाम तक जाति - जाति चिल्लाते हैं चुनिंदा नेताओं का ऐसा व्यवहार क्यों है ? जबाव - वोट की राजनीति के लिए लोग जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं l यह लोग नहीं चाहते हैं कि हिंदू समाज संगठित हो ,जातियां तो सभी धर्मो में हैं और हमसे ज्यादा जातियां हैं पर उनके विषय में कोई बात नहीं करता सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं की जातिगत जनगणना की बात की जाती है l जातिगत जनगणना से हिंदुओं में आपसी भाईचारा खत्म होगा हम जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं हैं l सवाल - बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं इसके बावजूद भी बांग्लादेशी क्रिकेट टीम भारतीय टीम के साथ भारत में ही क्रिकेट मैच खेल रही है क्या यह उचित है ? जबाव - हम व्यक्तिगत तौर पर बांग्लादेशी क्रिकेट टीम के साथ भारतीय टीम के क्रिकेट मैच खेलने के पक्ष में नहीं हैं, हम इसका विरोध करते हैं l सवाल - भारत सरकार ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर निरंतर हो रहे अत्याचारों पर कड़ा रुख क्यों नहीं अपनाया ? जबाव - भारत पूरे विश्व को शांति का संदेश देता है, हम युद्ध की नहीं बुद्ध की बात करते हैं l हर लड़ाई का अंत टेबल पर बातचीत के माध्यम से ही होता है l युद्ध में मानव जाति ही नष्ट होती है l सरकार कूटनीति पर चलती है और निश्चित ही इस विषय में भी सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया होगा l