राणा के स्वाभिमान को क्षत्रियों ने ही नहीं, पिछड़ों और दलितों ने भी अपनी आन की तरह लिया है। गढ़ी रामी में आयोजित रक्त स्वाभिमान रैली में शिरकत कर उन्होंने यह साफ कर दिया। सपा से राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने जब राणा सांगा पर बयान दिया, तभी से संग्राम छिड़ा है। रैली में चिलचिलाती धूप के बावजूद अच्छी खासी भीड़ रही। रैली में शामिल युवा पूरे जोश में दिखे। उनके हाथों में तलवारें चमचमा रही थीं। यह हम सबकी शान राणा सांगा-राणा सांगा, नारेबाजी कर रहे थे। तलवार लहराकर बीच-बीच में मूंछों पर ताव भी दे रहे थे। संदेश साफ था। लड़ाई लंबी लड़ी जाएगी। करणी सेना के ओकेंद्र राणा ने सम्मेलन में नौ मांगें शासन-प्रशासन के सामने रखीं। इसमें सुमन की सदस्यता समाप्त करने, सांसद पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने, सुमन की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाए, करणी सेना के 26 मार्च को पथराव में घायल कार्यकर्ताओं की ओर से सपा सांसद के बेटे व अन्य पर रिपोर्ट दर्ज करने, सुमन को पार्टी से निकालें, 26 मार्च को प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं को थर्ड डिग्री देने वाले पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने और सेना के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। ओकेंद्र ने श्रीराम की शपथ दिलाते हुए कहा कि 2027 के चुनाव में कोई क्षत्रिय सपा को वोट नही देगा l